अयोध्या में उत्तर-दक्षिण की सांस्कृतिक एकता का संगम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय वित्त मंत्री का पुष्पगुच्छ भेंट कर पारंपरिक अयोध्या शैली में स्वागत किया। उन्होंने कहा कि “बृहस्पति कुंड केवल एक ऐतिहासिक स्थल नहीं, बल्कि यह सांस्कृतिक समरसता का प्रतीक है, जहां उत्तर भारत की श्रद्धा और दक्षिण भारत की भक्ति का अद्भुत संगम होता है।”

अयोध्या में उत्तर-दक्षिण की सांस्कृतिक एकता का संगम
REPORTED BY - AZAM KHAN, PUBLISHED BY - MANOJ KUMAR

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन महान संगीत संतों की मूर्तियों का किया भव्य अनावरण

अयोध्या/जनमत न्यूज़। अयोध्या की पावन भूमि बुधवार को उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक एकता के अद्भुत संगम की साक्षी बनी। दो दिवसीय दौरे पर पहुंचीं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मिलकर दक्षिण भारत के तीन महान संगीत संतों — त्यागराज स्वामीगल, पुरंदर दास और अरुणाचल कवि — की मूर्तियों का टेढ़ी बाजार स्थित बृहस्पति कुंड में भव्य अनावरण किया।

पूरे समारोह का वातावरण भक्ति और संगीत की पवित्र भावना से ओतप्रोत रहा। दक्षिण भारतीय परंपरा के अनुसार पूजा-अर्चना के साथ अनावरण कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस दौरान निर्मला सीतारमण के माता-पिता की उपस्थिति ने इस ऐतिहासिक क्षण को और भी भावनात्मक बना दिया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय वित्त मंत्री का पुष्पगुच्छ भेंट कर पारंपरिक अयोध्या शैली में स्वागत किया। उन्होंने कहा कि “बृहस्पति कुंड केवल एक ऐतिहासिक स्थल नहीं, बल्कि यह सांस्कृतिक समरसता का प्रतीक है, जहां उत्तर भारत की श्रद्धा और दक्षिण भारत की भक्ति का अद्भुत संगम होता है।”

कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित साधु-संतों, कलाकारों और नागरिकों ने पारंपरिक भजनों और कर्नाटक संगीत की धुनों के साथ इस सांस्कृतिक एकता के उत्सव को भक्ति के स्वरूप में बदल दिया।

इस आयोजन को देश की संस्कृति, कला और आध्यात्मिक परंपरा के मिलन का प्रतीकात्मक क्षण माना जा रहा है, जिसने अयोध्या की ऐतिहासिक और धार्मिक गरिमा को एक नया आयाम प्रदान किया।