जबरन भूमि अधिग्रहण के विरोध में तिहुरा मांझा के किसानों का आंदोलन तेज, आवास विकास परिषद के घेराव का ऐलान

बैठक में किसानों ने आरोप लगाया कि आवास विकास परिषद के अधिकारी न तो मौके पर पहुंच रहे हैं और न ही किसानों की समस्याओं को गंभीरता से सुन रहे हैं।

जबरन भूमि अधिग्रहण के विरोध में तिहुरा मांझा के किसानों का आंदोलन तेज, आवास विकास परिषद के घेराव का ऐलान
PUBLISHED BY - MANOJ KUMAR

अयोध्या से आजम खान की रिपोर्ट —

अयोध्या/जनमत न्यूज। जिले के तिहुरा मांझा क्षेत्र में आवास विकास परिषद द्वारा प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण के विरोध में किसानों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में तिहुरा मांझा पंचायत घर में प्रभावित किसानों की एक बड़ी बैठक आयोजित की गई, जिसमें सैकड़ों किसानों ने एकजुट होकर नारेबाजी करते हुए आवास विकास परिषद के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया।

बैठक में किसानों ने आरोप लगाया कि आवास विकास परिषद के अधिकारी न तो मौके पर पहुंच रहे हैं और न ही किसानों की समस्याओं को गंभीरता से सुन रहे हैं। अधिकारियों की इस उदासीनता से आक्रोशित किसानों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि अब सभी प्रभावित किसान मिलकर आवास विकास परिषद कार्यालय का घेराव करेंगे और अपनी मांगों को मजबूती से उठाएंगे।

बैठक में उपस्थित समाजसेवी संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुरेश यादव ने किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि वे स्वयं किसान परिवार से हैं और किसानों की पीड़ा को भली-भांति समझते हैं। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि किसानों की जमीन का जबरन अधिग्रहण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर आंदोलन, धरना और प्रदर्शन किया जाएगा तथा वे किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे।

किसानों ने बताया कि उनकी कई पीढ़ियां वर्षों से इसी भूमि पर रहकर खेती-किसानी के माध्यम से अपना जीवन यापन कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि हजारों किसानों की भूमि का अधिग्रहण करने की तैयारी की जा रही है, जबकि निजी क्षेत्र में आसपास की जमीन 18 से 20 लाख रुपये प्रति बिस्सा की दर से बिक रही है। इसके विपरीत आवास विकास परिषद गरीब किसानों की जमीन को बहुत ही कम दामों पर अधिग्रहित करने का प्रयास कर रही है।

किसानों ने साफ शब्दों में कहा कि वे अपनी जमीन किसी भी सूरत में देने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने मांग की कि यदि आवास विकास परिषद उनकी भूमि अधिग्रहित करता है, तो उसके बदले उन्हें कहीं और समुचित भूमि उपलब्ध कराई जाए, अन्यथा भूमि अधिग्रहण स्वीकार नहीं किया जाएगा। किसानों ने यह भी घोषणा की कि आगामी बैठक में वे आवास विकास परिषद कार्यालय का घेराव करेंगे और आंदोलन को और तेज करेंगे।