सोने ने दिया 200% से ज्यादा रिटर्न, क्या अब भी निवेश करना सही रहेगा?
भारत में अक्षय तृतीया को सोना खरीदने के लिए बेहद शुभ दिन माना जाता है। अगर आपने 2015 में इस अवसर पर सोना खरीदा होता, तो आज आपकी संपत्ति में 200% से अधिक का इजाफा हो चुका होता।

Business News:भारत में अक्षय तृतीया को सोना खरीदने के लिए बेहद शुभ दिन माना जाता है। अगर आपने 2015 में इस अवसर पर सोना खरीदा होता, तो आज आपकी संपत्ति में 200% से अधिक का इजाफा हो चुका होता। उस समय सोने का दाम ₹26,936 प्रति 10 ग्राम था। बीते एक साल में सोने की कीमत ₹73,240 से बढ़कर लगभग ₹96,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच चुकी है, जिससे करीब 30% का रिटर्न मिला है।
अक्षय तृतीया कब है:
यह पर्व 29 अप्रैल की शाम 5:31 बजे से शुरू होकर 30 अप्रैल दोपहर 2:12 बजे तक रहेगा।
पूजा का शुभ मुहूर्त:
30 अप्रैल को सुबह 5:40 बजे से लेकर दोपहर 12:18 बजे तक रहेगा।
महत्व:
यह दिन नए निवेश, सोना खरीदने और किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत के लिए आदर्श माना जाता है।
क्षेत्रवार मांग:
दक्षिण भारत में सोने की मांग सबसे ज्यादा (40%) रहती है, इसके बाद पश्चिम भारत (25%), पूर्व (20%) और उत्तर भारत (10%) का स्थान है।
क्या अभी भी सोना खरीदना उचित रहेगा?
इस समय सोना अपने उच्चतम स्तर पर है। अनुमान है कि इस साल सोने की बिक्री में 10-20% की गिरावट आ सकती है, हालांकि ऊंची कीमतों के चलते ज्वैलर्स का राजस्व स्थिर रह सकता है।
बदलता रुझान:
ग्राहक अब भारी भरकम गहनों की बजाय हल्के वजन वाले आभूषण और स्टडेड डिज़ाइन को प्राथमिकता दे रहे हैं। शादी-विवाह में नकद उपहार देने की प्रवृत्ति भी बढ़ी है। निवेश के नजरिए से सोने के सिक्के, गोल्ड बार और डिजिटल गोल्ड (जैसे ETF) की मांग में तेजी आई है।
आगे सोने के दामों का अनुमान:
वेंचुरा की रिपोर्ट के अनुसार, यदि वैश्विक राजनीतिक तनाव (जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध या इजराइल-हमास संघर्ष) बढ़ता है या वैश्विक अर्थव्यवस्था कमजोर होती है, तो सोने के दाम ₹1.01 लाख से ₹1.04 लाख प्रति 10 ग्राम तक जा सकते हैं।
वहीं, अगर अमेरिकी अर्थव्यवस्था मजबूत रहती है या फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती में देरी करता है, तो सोना ₹87,000 से ₹90,000 प्रति 10 ग्राम के बीच आ सकता है।
2025 के अंत तक सोने की कीमतें ₹86,000 से ₹96,000 के बीच रह सकती हैं।
वर्तमान निवेश रुझान:
लोग किस्तों (EMI) पर सोना खरीद रहे हैं या पुराने गहने बेचकर नए खरीदने का रुझान दिखा रहे हैं।
विशेषज्ञों की सलाह है कि सोना लंबे समय के निवेश पोर्टफोलियो का हिस्सा होना चाहिए, लेकिन वर्तमान ऊंचे स्तर पर निवेश को संतुलित (डायवर्सिफाइड) तरीके से करना चाहिए।
निवेश के लिए सोने के सिक्के, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) या गोल्ड ETF को प्राथमिकता दें ताकि गहनों पर लगने वाले मेकिंग चार्ज और वेस्टेज से बचा जा सके।