एलन मस्क बनाम ट्रंप: ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट विवाद से शुभांशु शुक्ला का मिशन Ax-4 संकट में?
एलन मस्क और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच जारी तीखी बहस ने अंतरिक्ष मिशनों पर आशंकाओं के बादल ला दिए हैं। मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के ड्रैगन यान को लेकर दिए बयान से भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का ISS मिशन Ax-4 भी चर्चा में आ गया है।

देश/विदेश(जनमत): स्पेसएक्स और अमेरिकी राजनीति के बीच उठे नए विवाद ने वैश्विक अंतरिक्ष मिशनों को असमंजस की स्थिति में ला खड़ा किया है। मामला तब तूल पकड़ा, जब एलन मस्क ने डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स खत्म करने की धमकी के जवाब में घोषणा कर दी कि स्पेसएक्स अब ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को चरणबद्ध रूप से बंद करने जा रही है। यह वही यान है जिससे भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 10 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा पर जाने वाले हैं।
मामला एक सरकारी बजट प्रस्ताव की सार्वजनिक आलोचना से शुरू हुआ, जिसमें मस्क ने ट्रंप प्रशासन के कदम को 'घृणित' बताया। जवाब में ट्रंप ने मस्क की सरकारी डील्स को खत्म करने की बात करते हुए अरबों डॉलर बचाने की बात कही। इसके तुरंत बाद मस्क ने एक्स पर लिखा कि वे ड्रैगन यान को डिकमीशन करेंगे।
हालांकि कुछ ही घंटों में मस्क ने अपना रुख बदलते हुए लिखा कि वे ड्रैगन यान को बंद नहीं करेंगे। यह बदलाव एक यूजर की सलाह के बाद हुआ, जिसे मस्क ने ‘अच्छी सलाह’ बताया।
इस बीच Ax-4 मिशन की तैयारी तेज़ी से जारी है। शुभांशु शुक्ला इस मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर जाने वाले भारत के पहले यात्री होंगे। लॉन्च डेट फिलहाल 10 जून तय की गई है, जो पहले दो बार टल चुकी है। मस्क की बयानबाज़ी ने भले ही अंतरिक्ष मिशनों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हों, लेकिन फिलहाल Ax-4 मिशन सुरक्षित बना हुआ है।
अगर ड्रैगन वाकई बंद होता, तो इसका असर न केवल Ax-4 बल्कि पूरी वैश्विक स्पेस रणनीति पर पड़ता। केवल रूस का सोयुज यान विकल्प रह जाता, जिससे अंतरिक्ष यात्रियों की अदला-बदली (क्रू रोटेशन) मुश्किल हो जाती।
नासा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने प्रेस से बातचीत में कहा कि ट्रंप द्वारा प्रस्तावित बजट कटौती से नासा प्रभावित हो सकता है, लेकिन फिलहाल Ax-4 मिशन की टाइमलाइन बरकरार है।