'मुख्यमंत्री को लेकर भ्रम पर कांग्रेस हाईकमान को लगाना होगा पूर्ण विराम', CM सिद्धारमैया की दो टूक

कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस में चल रहा संघर्ष अभी भी थम नहीं पाया है। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यश्र मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की।

'मुख्यमंत्री को लेकर भ्रम पर कांग्रेस हाईकमान को लगाना होगा पूर्ण विराम', CM सिद्धारमैया की दो टूक
Published By- Diwaker Mishra

बंगलूरू/जनमत न्यूज़। कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद और शासन परिवर्तन को लेकर कांग्रेस में चल रहा सत्ता संघर्ष अभी भी थम नहीं पाया है। मंगलवार को एक तरफ उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यश्र मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया एक बार फिर पार्टी हाई कमान के फैसले का राग गाया।

उन्होंने कहा कि पार्टी हाई कमान को राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहे भ्रम को खत्म करना ही होगा। सिद्धारमैया ने इस दौरान फिर से इस बात को दोहराया कि वे सीएम बदलने के मामले में हाई कमान के फैसले का पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि विधायक पार्टी नेतृत्व से मिलकर अपनी राय साझा कर सकते हैं।

बता दें कि कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर अटकलें तेज तब हो गई जब राज्य की कांग्रेस सरकार ने 20 नवंबर को अपने पांच साल के कार्यकाल का आधा समय पूरा किया। इसी बीच, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच कथित पावर शेयरिंगसमझौते की बातें भी सामने आई हैं। ऐसे में चर्चा तेज हो गई कि क्या अब डीके शिवकुमार को अगले ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद दिया जा सकता है।

अंतिम फैसला हाई कमान का

सिद्धारमैया ने शिवकुमार के समर्थन में दिल्ला जाने वाले विधायकों को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि विधायक दिल्ली जाएं, उनकी स्वतंत्रता है। अंत में फैसला हाई कमान का है। हम हाई कमान के निर्णय का पालन करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जो विधायक मामला सुलझाने के लिए हाई कमान से बात करना चाहते हैं, वे अपनी बात रख सकते हैं।

सूत्रों के अनुसार, 23 नवंबर को छह कांग्रेस विधायक शिवकुमार का समर्थन करने के लिए दिल्ली गए, वहीं कुछ और विधायक भी जल्द उच्च नेतृत्व से मिल सकते हैं। इससे पहले पिछले हफ्ते लगभग दस विधायक भी दिल्ली में एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिले थे।

सिद्धारमैया के बाद खरगे से शिवकुमार भी मिले

गौरतलब है कि मंगलवार को  शिवकुमार ने बंगलूरू में मल्लिकार्जुन खरगे के साथ मुलाकात की। इतना ही नहीं खरगे के साथ एक गाड़ी में जाकर उनको एयरपोर्ट तक भी छोड़ा, जबकि पहले उन्होंने उनसे मुलाकात नहीं की थी। ये मुलाकात तब हो रही है जब इससे पहले सिद्धारमैया ने खरगे से मुलाकात की थी।

सूत्रों के अनुसार, सिद्धारमैया कैबिनेट फेरबदल करना चाहते हैं, जबकि शिवकुमार चाहते हैं कि पहले सीएम बदलने का फैसला किया जाए। ऐसे में बात यही आगर थम जाती है कि अगर हाई कमान कैबिनेट फेरबदल को मंजूरी देती है, तो इसका मतलब होगा कि सिद्धारमैया पूरा पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे, जिससे शिवकुमार के सीएम बनने के मौके कमजोर हो जाएंगे।