बलिया/जनमत। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के निदेशक शैक्षणिक एवं विभागाध्यक्ष समाज कार्य विभाग डॉ पुष्पा मिश्रा ने महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतीहारी, बिहार में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में प्रतिभाग किया। इसके अलावा शोध सत्र का निर्देशन किया। इस कार्यक्रम में डॉ.पुष्पा मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि गांधीयन समाज कार्य और व्यावसायिक समाज कार्य एक दूसरे के पूरक हैं। गांधी जी प्रत्येक विकास प्रक्रिया में जन सहभागिता को ऊपर रखा। भारत के परिप्रेक्ष्य में जहां अधितम जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्र में निवास करती है। कोई भी विकास कार्य जन सहभागिता के बिना संभव नहीं है। गांधी जी का सर्वोदय, अंत्योदय का प्रारूप ही सतत विकास का माध्यम हो सकता है। जब तक अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति के साथ न्याय नहीं होगा और मूलभूत आवश्यकता पूरी नहीं होगी तब तक विकास की कल्पना नहीं की जा सकती।
महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में गांधीवादी सामाजिक कार्य संभावनाएं और चुनौतियां का आयोजन गांधीवादी एवं शांति अध्ययन विभाग और सामाजिक कार्य विभाग ने भारतीय गांधीवादी अध्ययन समिति के सहयोग से किया। संगोष्ठी के संरक्षक कुलपति प्रोफेसर संजय श्रीवास्तव रहे। उद्घाटन सत्र में पटना विश्वविद्यालय के प्रोफेसर संजय पासवान मुख्य अतिथि रहे। संयोजक प्रोफेसर सुनील महावर रहे।
इस अवसर पर सभी अतिथियों को पारंपरिक स्वागत किया गया। कुलपति प्रोफेसर संजय श्रीवास्तव ने गांधी जी को सबसे बड़ा सामाजिक कार्यकर्ता बताया। उन्होंने गांधी जी के सामाजिक कल्याण के सिद्धांतों को अपनाने पर जोर दिया। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में अनेकों विद्वानों द्वारा विचार प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में डॉ.मिश्रा के शामिल होने पर चीफ प्राक्टर डॉ.प्रियंका सिंह, छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ.अजय कुमार चौबे, डॉ.अनुराधा राय सहित अन्य प्राध्यापकगणों ने बधाई एवं शुभकामनायें दी।
REPORTED BY - GANESH TIWARI
PUBLISHED BY - MANOJ KUMAR