गाँव में बच्चों से कराया जा रहा मजदूरी का काम
विकासखंड तालबेहट की ग्राम पंचायत तेरई फाटक में शासनादेशों को ताक पर रखकर नाबालिक बच्चों से मजदूरी का काम कराया जा रहा है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि गांव में कराए जा रहे विकास कार्यों के दौरान निर्माण कार्यों में मजदूरों को न लगाकर उनके स्थान पर थोड़े से पैसों की लालच देकर नाबालिक बच्चों से मजदूरी कराई जा रही है।

बच्चों से मजदूरी करने के मामले में श्रम विभाग के साथ-साथ अन्य अधिकारी भी अनजान
ललितपुर/जनमत। विकासखंड तालबेहट की ग्राम पंचायत तेरई फाटक में शासनादेशों को ताक पर रखकर नाबालिक बच्चों से मजदूरी का काम कराया जा रहा है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि गांव में कराए जा रहे विकास कार्यों के दौरान निर्माण कार्यों में मजदूरों को न लगाकर उनके स्थान पर थोड़े से पैसों की लालच देकर नाबालिक बच्चों से मजदूरी कराई जा रही है। जबकि शासन द्वारा बाल श्रम करवाने पर रोक लगाई गई है। यह मामला जब जनपद स्तरीय अधिकारियों की संज्ञान में लाया गया, तो उन्होंने मामले से अनजान होने की बात कही।
मिली जानकारी के अनुसार जनपद की ग्राम पंचायत तेरई फाटक में गांव के लोगों को सुविधा देने के उद्देश्य से सड़कों पर गलियों में पेपर ब्रिक्स लगवाने का काम ग्राम प्रधान कैलाश कुशवाहा द्वारा कराया जा रहा है। जिस गांव के लोगों ने निर्वाचन के दौरान चुनकर कुर्सी पर इसलिए बैठाया था, कि वह शासनादेशों के अनुसार काम करेगा। लेकिन कैलाश कुशवाहा पंगु साबित हुआ और उसका पुत्र गांव में हो रहे सभी कार्यों की देखरेख करता है। बताया गया है कि गाँव में लग रहे पेवर ब्रिक्स निर्माण कार्य में मजदूरों के स्थान पर कम मजदूरी देकर नाबालिक बच्चो से मजदूरी कराई जा रही है। जब ग्राम प्रधान पुत्र नाबालिक बच्चों से मजदूरी करवा रहा था तभी गांव के ही किसी ग्रामीण में उनका वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जो लगातार वायरल हो रहा है। ग्राम प्रधान की उदासीनता के चलते प्रधान पुत्र पर बच्चों से निर्माण कार्य कराने का आरोप लगा है। ग्रामीणों का तो यहां तक आरोप है कि प्रधान पुत्र ही अपने प्रधान पिता के सभी दस्तावेजों पर स्वयं हस्ताक्षर करता है। हालांकि हम इस बात की पुष्टि नहीं करते क्योंकि यह जांच का विषय है और जांच में ही स्पष्ट हो सकता है कि इस मामले में क्या सच्चाई है। हालांकि जिस तरह गांव में बच्चों से मजदूरी करने का वीडियो वायरल हो रहा है वह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है और संबंधित अधिकारियों को यह मामला संज्ञान में लेकर उन दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए, जो शासनादेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं।
REPORTED BY - SURYAKANT SHARMA
PUBLISHED BY - MANOJ KUMAR