जब विदेशी लड़की को यूपी के लड़के से हुआ प्यार तो सारी सरहदें पार कर, लिए सात फेरे
कहते हैं प्यार न तो सरहद की सीमा को मानता है और न ही अमीरी ग़रीबी के बीच की खाई को. जब एक दूसरे को दिल देने की बात हो तो सात समंदर पार करना भी आसान हो जाता है.
कुशीनगर (जनमत):- कहते हैं प्यार न तो सरहद की सीमा को मानता है और न ही अमीरी ग़रीबी के बीच की खाई को. जब एक दूसरे को दिल देने की बात हो तो सात समंदर पार करना भी आसान हो जाता है. ऐसा ही एक मामला कुशीनगर जिले से सामने आया है. जहां विकास खंड सुकरौली के ग्राम पंचायत पिडराघूर दास गांव में अमेरिका के कैलिफोर्निया के सरमेंटो शहर से आयी युवती की उसके प्रेमी के साथ हिन्दू रीति रिवाज से शादी हुई. दोनों की मुलाकात ऑनलाइन गेमिंग के दौरान हुई थी.
बता दें कि इस प्यार की कहानी तब शुरू हुई जब जीतलाल निषाद अपनी पत्नी व बच्चों के साथ पंजाब के भटिंडा में टाइल्स लगाने का कार्य करते हैं. कोरोना काल में लाक डाउन के दौरान जीतलाल के लडके किशन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से अमेरिका के कैलिफोरनिया की रहने वाली थूई वो से मुलाक़ात हुई और व्हाट्सप्प चैटिंग के साथ बात चीत होने लगी और दोनों के कब यह बातचीत प्यार में बदल गई इसकी भनक तक नही लगी.
कोरोना काल के बाद हालत सामान्य होने के बाद दोनों ने मिलने का मन बनाया और युवती 2021 में दिल्ली आ गयी. लडके ने युवती को अपने परिवार के सदस्यों से मिलवाया तभी से दोनों परिवारों के बीच बातचीत होने लगी. 2023 में दीवाली के दौरान युवती अपने मित्र के साथ उसके गांव आयी और उसके परिवार के साथ रहकर यहां के रहन सहन और रीति रिवाजों के बारे में जाना। इसके बाद युवती अपने मित्र को अपने पिता तन ताहन वो से मिलवाने के लिये वियतनाम ले गयी. माता तुयेत वन नगयुन जो अपने दूसरे बच्चों व मा के साथ कैलीफोरनिया में रहती हैं से वीजा न मिलने की वजह से नही मिलवा पायी. दोनों परिवारों की रजामंदी के बाद युवक के गांव में पूरे धूम धाम के साथ शादी संपन्न हुई। लडके के पिता, माता व नात रिश्तेदारों ने दोनों पक्ष के कर्तव्यों का निर्वहन किया. युवक किशन व अमेरिकी युवती थूई वो ने बताया कि दोनों ने लगभग चार वर्ष एक दूसरे को समझने के बाद शादी करने का फैसला लिया. युवती ने नमस्ते करते हुए बताया कि हमें भारतीय संस्कृति व यहां के लोगों का सामान्य व आसान जीवन शैली बहुत पसंद है. युवक के परिवार में उसके माता पिता, दादा दादी व बहने सभी हमें प्यार करतीं हैं. भाषा अलग होने से थोड़ी दिक्क़त होती हैं परंतु लडके की वजह से सब आसान हो जाता है.
REPORTED BY- PRADEEP YADAV