शीतकालीन सत्र: SIR के मुद्दे पर संसद के बाहर प्रदर्शन करेगा विपक्ष, अंदर भी हंगामे के आसार

संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है। सत्र का पहला दिन हंगामे के बीच बीता। लोकसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी थी। आज भी संसद के दोनों सदनों में हंगामे के आसार हैं। सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा।

शीतकालीन सत्र: SIR के मुद्दे पर संसद के बाहर प्रदर्शन करेगा विपक्ष, अंदर भी हंगामे के आसार
Published By- Diwaker Mishra

नई दिल्ली/जनमत न्यूज़। संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है। सत्र का पहला दिन हंगामे के बीच बीता। लोकसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी थी। आज भी संसद के दोनों सदनों में हंगामे के आसार हैं। सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा।

विपक्ष करेगा प्रदर्शन

लोकसभा में पहले दिन जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने सरकार पर बात न सुनने का आरोप लगाया, वहीं सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष पर हंगामे कर कार्यवाही बाधित करने का आरोप मढ़ा। अब आज मंगलवार को सुबह 10:30 बजे विपक्ष संसद के मकर द्वार के सामने प्रदर्शन करेगा।

सेंट्रल एक्साइज (अमेंडमेंट) बिल होगा पेश

केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण सेंट्रल एक्साइज (अमेंडमेंट) बिल, 2025 पेश करेंगी। इस बिल का उद्देश्य सेंट्रल एक्साइज एक्ट, 1944 में बदलाव करना है।

मणिपुर जीएसटी बिल पास

लोकसभा में मणिपुर जीएसटी बिल पास हो गया।

गौरव गोगोई बोले- सिर्फ अपने मुद्दों पर चर्चा चाहती है सरकार

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई बोले- 'संसद में रूलिंग पार्टी और अपोज़िशन दोनों के मुद्दे उठाए जाने चाहिए और उन पर पूरा ध्यान और अहमियत दी जानी चाहिए, खासकर अपोजिशन के मुद्दों पर। लेकिन हम देख रहे हैं कि रूलिंग पार्टी सिर्फ अपने मुद्दों पर चर्चा करना चाहती है। वह सिर्फ अपने लाए कानूनों पर चर्चा करना चाहती है।'

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने देश में वोटर लिस्ट की विश्वसनीयता पर खड़े गंभीर संकट को उठाते हुए लोकसभा के शीतकालीन सत्र में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था आज एक अभूतपूर्व चुनौती से गुजर रही है और चुनाव आयोग की ओर से शुरू हुई एसआईआर प्रक्रिया ने स्थिति को और भी खराब कर दिया है।

SIR पर संसद में घमासान के आसार

कांग्रेस नेता ने अपने प्रस्ताव में कहा कि देश की मतदाता सूची (जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की रीढ़ मानी जाती है) आज गड़बड़ियों, मानवीय त्रुटियों और सुरक्षा कमजोरियों से जूझ रही है। हालांकि, इन खामियों को सुधारने के बजाय चुनाव आयोग ने एसआईआर को एक जल्दबाजी, बिना योजना और तानाशाहीपूर्ण तरीके से लागू किया है, जिससे पूरे देश में अफरा-तफरी मच गई है।