वक्फ संशोधन विधेयक के पास होने के बाद दिल्ली में सुरक्षा चाक-चौबंद, शाहीनबाग पर कड़ी नजर
Waqf Board - लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद दिल्ली पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। विरोध प्रदर्शनों की आशंका को देखते हुए शहर के संवेदनशील इलाकों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

नई दिल्ली (जनमत): लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद दिल्ली पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। विरोध प्रदर्शनों की आशंका को देखते हुए शहर के संवेदनशील इलाकों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। खासकर दिल्ली के शाहीनबाग में ड्रोन से निगरानी की जा रही है और जामिया नगर से जामा मस्जिद तक मुस्लिम बहुल इलाकों में पुलिस का कड़ा पहरा देखा जा रहा है। इस विधेयक के पास होने के बाद शुक्रवार का दिन होने के कारण मस्जिदों के आसपास भी अतिरिक्त सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
दिल्ली पुलिस के साथ-साथ रैपिड ऐक्शन फोर्स (RAF) ने भी विभिन्न इलाकों में फ्लैग मार्च किया। सैकड़ों सुरक्षा कर्मियों ने गलियों और बाजारों में मार्च करते हुए यह संदेश दिया कि किसी भी तरह की गड़बड़ी फैलाने की कोशिश को सख्ती से रोका जाएगा। जामिया नगर, जामा मस्जिद, मुस्तफाबाद, और जहांगीरपुरी जैसे इलाकों में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी सुरक्षा की स्थिति पर नजर बनाए रखी, और कंट्रोल रूम से हर इलाके की लगातार निगरानी की जा रही थी।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पास किसी भी प्रदर्शन या उपद्रव की स्थिति से निपटने के लिए सीआरपीएफ की टुकड़ियों को तैनात किया गया था। विश्वविद्यालय के गेट नंबर 7 के पास बड़ी संख्या में सीआरपीएफकर्मी और पुलिसकर्मी मौजूद थे। हालांकि, यहां किसी भी प्रकार का विरोध या असामान्य गतिविधि नहीं देखने को मिली। पुलिस ने इस क्षेत्र में पूरी सतर्कता बरती।
लोकसभा में बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह चाक-चौबंद रखा गया। अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में शांति बनी रही, जबकि कुछ स्थानों पर विभिन्न संगठनों ने मिठाइयाँ बांटकर खुशी का इज़हार भी किया। सुरक्षा बलों ने शाम को फ्लैग मार्च किया और सोशल मीडिया पर भी नजर रखी गई।
इस बीच, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने वक्फ विधेयक के खिलाफ दिल्ली में आंदोलन की शुरुआत करने का ऐलान किया है। पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष ने शाहीनबाग से आंदोलन शुरू करने की योजना बनाई है, जहां पहले संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में महिलाओं ने लंबे समय तक धरना दिया था। इस वजह से शाहीनबाग पर पुलिस का ध्यान अधिक है।