STEMI CARE पर केंद्रित तीन दिवसीय कार्यशाला का डॉ. आरएमएलआईएमएस, लखनऊ में शुभारंभ
डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (डॉ. आरएमएलआईएमएस), लखनऊ में आज ST-Elevation Myocardial Infarction (STEMI) जैसे जानलेवा हृदयाघात के प्रबंधन पर आधारित एक तीन दिवसीय कार्यशाला की शुरुआत हुई।

लखनऊ/जनमत:- डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (डॉ. आरएमएलआईएमएस), लखनऊ में आज ST-Elevation Myocardial Infarction (STEMI) जैसे जानलेवा हृदयाघात के प्रबंधन पर आधारित एक तीन दिवसीय कार्यशाला की शुरुआत हुई। यह कार्यशाला उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए फ्रंटलाइन स्वास्थ्यकर्मियों को STEMI की शीघ्र पहचान और उपचार के लिए एकीकृत एवं मानकीकृत प्रोटोकॉल सिखाने के उद्देश्य से आयोजित की गई है।
कार्यशाला का उद्घाटन उत्तर प्रदेश सरकार के चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा ने किया। उन्होंने STEMI परियोजना को अपनी दूरदर्शी पहल बताया और कहा कि प्रदेश के हर नागरिक को समय पर हृदयाघात का उपचार उपलब्ध कराना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि थ्रोम्बोलाइटिक दवा Tenecteplase की उपलब्धता प्रदेश के सुदूर क्षेत्रों तक सुनिश्चित की जाएगी।
हब-एंड-स्पोक मॉडल के तहत उपचार प्रणाली
इस STEMI परियोजना को "हब-एंड-स्पोक" मॉडल के तहत लागू किया जा रहा है, जिसमें डॉ. आरएमएलआईएमएस का हृदय रोग विभाग केंद्रीय हब के रूप में कार्य करेगा। यह हब ECG व्याख्या, विशेषज्ञ सलाह और उन्नत उपचार सुविधाएं प्रदान करेगा। अयोध्या, देवीपाटन, सुल्तानपुर समेत कई ज़िले स्पोक के रूप में कार्य करेंगे, जहां प्राथमिक पहचान और थ्रोम्बोलाइसिस की प्रक्रिया हब की निगरानी में पूरी की जाएगी।
यह प्रणाली रीयल-टाइम समन्वय और गोल्डन आवर के भीतर त्वरित उपचार सुनिश्चित करती है — वह महत्वपूर्ण समय जो रोगी की जान बचाने में निर्णायक होता है।
विशेषज्ञों की सहभागिता और STEMI CARE प्रोटोकॉल की प्रस्तुति
उद्घाटन सत्र के दौरान केजीएमयू के कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. ऋषि सेठी ने STEMI में समयबद्ध हस्तक्षेप के महत्व को रेखांकित किया।
वहीं वाराणसी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने अपने ज़मीनी अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस तरह मानकीकृत प्रोटोकॉल ने जमीनी स्तर पर मरीजों की जान बचाई है।
डॉ. भुवन तिवारी, विभागाध्यक्ष – कार्डियोलॉजी, डॉ. आरएमएलआईएमएस ने कार्यशाला की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला और STEMI CARE नामक सरल व प्रभावी प्रोटोकॉल प्रस्तुत किया।
STEMI CARE का अर्थ:
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S – Symptoms: हृदयाघात के प्रमुख लक्षण पहचानें
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T – Time: लक्षणों के शुरू होने का समय दर्ज करें
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E – ECG: 12-लीड ECG करें और उसका विश्लेषण करें
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M – Medical Management: Aspirin, Clopidogrel, Atorvastatin की तत्काल शुरुआत
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I – Initiate Thrombolysis: ज़रूरत पड़ने पर Tenecteplase दें
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C – Call the Hub: ECG और मरीज की स्थिति हब सेंटर को बताएं
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A – Ambulance: ऑक्सीजन और IV सुविधा के साथ रेफरल की व्यवस्था
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R – Reassess Vitals: BP, HR, SpO₂ की दोबारा जांच
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E – Ensure Handover: रोगी के समुचित हस्तांतरण की पुष्टि
ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स (ToT) कार्यक्रम के रूप में डिज़ाइन
यह कार्यशाला "ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स" कार्यक्रम के रूप में तैयार की गई है, जहां डॉक्टरों, स्टाफ नर्सों और पेरामेडिकल कर्मचारियों को STEMI प्रोटोकॉल पर गहन प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
प्रथम दिवस में अयोध्या जनपद के स्वास्थ्यकर्मियों ने हिस्सा लिया, जिनके लिए ECG विश्लेषण, STEMI प्रबंधन और रियल-टाइम सिमुलेशन जैसे व्यावहारिक सत्र आयोजित किए गए।
अगले दो दिनों में अन्य ज़िलों की टीमें भी प्रशिक्षण में भाग लेंगी, जिससे राज्य में एक संगठित, उत्तरदायी और जीवनरक्षक STEMI उपचार नेटवर्क की नींव मजबूत होगी।