6 गीगाहर्ट्ज बैंड अब फ्री: घरों में वाई-फाई की स्पीड बढ़ेगी, नया राउटर लेना पड़ सकता है
केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 6 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड का एक हिस्सा बिना लाइसेंस के उपयोग के लिए खोल दिया है...

Tech News: केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 6 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड का एक हिस्सा बिना लाइसेंस के उपयोग के लिए खोल दिया है। इसका सीधा फायदा आम लोगों को मिलेगा, क्योंकि इससे वाई-फाई की स्पीड और नेटवर्क की क्षमता में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी।
दूरसंचार मंत्रालय ने इसके लिए नियमों का मसौदा जारी किया है और जनता से सुझाव भी मांगे हैं। खास बात यह है कि इस बैंड को इस्तेमाल करने के लिए कंपनियों को सरकार से कोई इजाजत नहीं लेनी होगी और न ही कोई शुल्क देना होगा।
हालांकि, अगर आप इस बैंड का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपको अपना मौजूदा वाई-फाई राउटर बदलकर एक ऐसा नया राउटर लेना होगा जो 6 गीगाहर्ट्ज बैंड को सपोर्ट करता हो। इससे भारत में WiFi 6E और WiFi 7 जैसे एडवांस नेटवर्क भी चालू हो सकेंगे, जिनसे इंटरनेट की स्पीड 9.6 Gbps तक पहुंच सकती है।
फिलहाल भारत में वाई-फाई 2.4 गीगाहर्ट्ज और 5 गीगाहर्ट्ज बैंड पर चलता है, जिनकी अधिकतम स्पीड 1.3 Gbps होती है।
भारत अब उन 84 से ज्यादा देशों की सूची में शामिल हो गया है, जहां यह स्पेक्ट्रम पहले से ही आम लोगों के लिए फ्री है। अमेरिका और ब्रिटेन भी इनमें शामिल हैं।
हालांकि, टेलिकॉम कंपनियां जैसे जियो, एयरटेल और वीआई इस फैसले से खुश नहीं हैं, क्योंकि वे चाहती थीं कि यह पूरा बैंड उनके 4G और 5G नेटवर्क के लिए आरक्षित हो। दूसरी ओर, गूगल, क्वॉलकॉम और मेटा जैसी टेक कंपनियों को इससे फायदा मिलेगा, क्योंकि वे भारत में हाई-स्पीड वाई-फाई के लिए जरूरी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर ला सकेंगी।