महराजगंज में यूरिया की कालाबाजारी का खुलासा करते हुए तीन आरोपी के खिलाफ हुआ मुकदमा दर्ज
जांच में खुलासा हुआ है कि कुछ बिचौलियों ने जरूरतमंद किसानों के हक की खाद हड़पकर मोटा मुनाफा कमाया और यूरिया की तस्करी नेपाल तक करने की कोशिश की। इस पूरे मामले ने प्रशासन को भी हैरान कर दिया है।

महराजगंज/जनमत न्यूज। जनपद में यूरिया की किल्लत से जूझ रहे किसानों की परेशानी का असली कारण अब सामने आ गया है। जांच में खुलासा हुआ है कि कुछ बिचौलियों ने जरूरतमंद किसानों के हक की खाद हड़पकर मोटा मुनाफा कमाया और यूरिया की तस्करी नेपाल तक करने की कोशिश की। इस पूरे मामले ने प्रशासन को भी हैरान कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, जिलाधिकारी लगातार खाद की उपलब्धता और वितरण की समीक्षा कर रहे थे। जब अधिकारियों ने वास्तविक डेटा उनके सामने रखा तो स्पष्ट हुआ कि जनपद में लक्ष्य के सापेक्ष खाद उपलब्ध होने के बावजूद किसान परेशान हैं। इसके पीछे कारण बना कालाबाजारी और अवैध भंडारण का खेल।
मामला सोनौली क्षेत्र का है। यहां हरदीडाली गांव के तीन लोगों — इरफान, निजामुद्दीन और सरफुद्दीन — ने जुलाई महीने में तय सीमा से कई गुना अधिक यूरिया की खरीदारी की। जांच में पाया गया कि इरफान ने 25 बोरियां, निजामुद्दीन ने 35 बोरियां और सरफुद्दीन ने 32 बोरियां यूरिया लीं। जबकि उनके पास उतनी कृषि भूमि ही नहीं है, जितने के लिए यह खाद आवश्यक हो। यहां तक कि सरफुद्दीन के नाम पर तो कोई जमीन ही दर्ज नहीं है।
इससे आशंका गहरा गई है कि सीमावर्ती इलाका होने का फायदा उठाकर इन लोगों ने खाद की बोरियां नेपाल में तस्करी कर दीं। यही कारण है कि वास्तविक किसान खाद के लिए परेशान होते रहे और बाजार में कृत्रिम संकट बना रहा।
प्रशासन की जांच के बाद सोनौली पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और अब पूरे नेटवर्क की तह तक जाने की कोशिश की जा रही है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि किसानों के हक पर डाका डालने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
इस खुलासे ने एक बार फिर खाद वितरण प्रणाली और सीमावर्ती क्षेत्रों में तस्करी रोकथाम की चुनौतियों को सामने ला खड़ा किया है। किसानों की मांग है कि दोषियों पर कठोर कार्रवाई के साथ-साथ खाद वितरण प्रणाली में और पारदर्शिता लाई जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।