रिश्वत न मिलने पर गर्भवती महिला को अस्पताल से निकाला, स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप
गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा के चलते अस्पताल पहुंची थी। परिजनों का कहना है कि ड्यूटी पर मौजूद डॉ. मेधावी सिंह और स्टाफ ने इलाज शुरू करने से पहले पैसे की मांग की। जब परिजनों ने आर्थिक असमर्थता जताई, तो महिला को इलाज दिए बिना अस्पताल से बाहर कर दिया गया।
बलरामपुर/जनमत न्यूज। जनपद के संयुक्त जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य सेवाओं की संवेदनहीनता का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आरोप है कि अस्पताल के स्टाफ ने रिश्वत न मिलने पर एक गर्भवती महिला को अस्पताल से बाहर निकाल दिया, जिससे परिजनों में आक्रोश फैल गया है।
जानकारी के अनुसार, गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा के चलते अस्पताल पहुंची थी। परिजनों का कहना है कि ड्यूटी पर मौजूद डॉ. मेधावी सिंह और स्टाफ ने इलाज शुरू करने से पहले पैसे की मांग की। जब परिजनों ने आर्थिक असमर्थता जताई, तो महिला को इलाज दिए बिना अस्पताल से बाहर कर दिया गया।
परिजनों ने बताया कि डॉक्टर की मौजूदगी में भी किसी ने महिला की स्थिति पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि स्टाफ के रवैये ने उन्हें मजबूर कर दिया कि वे गंभीर अवस्था में मरीज को लेकर निजी अस्पताल जाएं। फिलहाल, यह मामला स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है।
घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। मामले की शिकायत जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को दी गई है। सूत्रों के अनुसार, जांच टीम गठित कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
स्थानीय लोगों और मरीजों के परिजनों ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में खुलेआम रिश्वतखोरी जैसी घटनाएँ गरीबों के साथ अन्याय हैं। उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की है कि संबंधित डॉक्टर और स्टाफ पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।

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