उप्र: विभागीय जाँच में फंसे डॉ अनिल श्रीवास्तव कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा अधीक्षक बनने के लिए क्या योगी सरकार मे होंगे सफल?
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के जिम्मेदार ही उसकी दुर्गति बनाने में लगे हैं।
स्पेशल रिपोर्ट रजनीश छवि
लखनऊ/जनमत न्यूज़। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के जिम्मेदार ही उसकी दुर्गति बनाने में लगे हैं। ताज़ा मामला प्रदेश के बांदा जनपद के तत्कालीन मुख्य चिकित्साधिकारी एक के बाद एक आरोपों में घिरते जा रहे है। उनके खिलाफ विभागीय जांच सहित स्थानान्तरण की भी कार्यवाही की गई है।
बता दें कि डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव तत्कालीन मुख्य चिकित्साधिकारी, बांदा सम्प्रति वरिष्ठ परामर्शदाता, जिला चिकित्सालय, बदांयू द्वारा बांदा में मुख्य चिकित्साधिकारी के पद पर कार्यरत रहने के दौरान आशा कार्यकत्री के चयन में अनियमितता का आरोप लगा है।
डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव पर बिना प्रचार-प्रसार व बिना आरक्षण किये आशा चयन का प्रस्ताव मनमाने तरीके से पारित करने, अपने उच्चाधिकारी को आशा चयन भर्ती प्रक्रिया से सम्बन्धित पत्रावलियों व उनसे सम्बन्धित अन्य जानकारी उनके मांगे जाने के बावजूद भी उपलब्ध न कराने व सहयोग न करने का आरोप है।
जिसके चलते प्रकरण का निस्तारण न होने एवं उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने तथा पदीय दायित्वों का निवर्हन सम्यक् रूप से न किये जाने आदि आरोपों में प्रथमदृष्टया दोषी पाया गया।
इसके दृष्टिगत उनके विरुद्ध उप्र सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1999 के नियम-7 के अन्तर्गत विभागीय कार्यवाही संस्थित करते हुए आरोपों की जांच हेतु निदेशक (प्रशासन), चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें, उप्र, लखनऊ को राज्यपाल की स्वीकृति से जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।
जाँच अधिकारी को यह निर्देशित किया गया है कि शासनादेश में निर्धारित विधि एवं प्रक्रिया का पूर्णतः अनुपालन करते हुए जाँच की कार्यवाही पूर्ण कर जाँच आख्या 01 माह के अन्दर शासन को उपलब्ध कराएं।
इसके अलावा डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव का स्थानान्तरण भी तात्कालिक प्रभाव से शासन द्वारा कर दिया गया है. उन्हें वरिष्ठ परामर्शदाता जिला चिकित्सालय, बदायूँ से वरिष्ठ परामर्शदाता जिला संयुक्त चिकित्सालय, गौतमबुध्द नगर के पद पर भेजा गया है। डॉ० अनिल कुमार श्रीवास्तव को यह भी निर्देशित किया गया है कि वह अपनी नवीन तैनाती के पद व स्थान पर तत्काल कार्यभार ग्रहण करे।
इसके अतिरिक्त डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव द्वारा जिला चिकित्सालय गौतमबुद्ध नगर के कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के पद पर कार्यभार ग्रहण करने के प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन चूंकि शासनदेश के अनुसार जिस भी व्यक्ति पर कोई विभागीय कार्यवाही गतिमान है उसे किसी भी प्रशासनिक पद पर तैनाती नहीं दी जा सकती।
अब सवाल यह है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस नीति का डंका पीटने वाली प्रदेश की योगी सरकार एवं अपर निदेशक स्वास्थ मेरठ मंडल डॉ सीमा अग्रवाल ऐसे भ्रष्ट चिकित्साधिकारी को कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के पद का चार्ज देती है या नहीं?

Janmat News 
