3 बीघे में 11 लोगों का था कब्जा,यूपी में वक्फ संशोधन कानून के बाद पहली FIR
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में वक्फ संशोधन कानून के तहत पहली बार एफआईआर दर्ज की गई है। आरोप है कि गांव सारनिया (थाना सीबीगंज) में तीन बीघा सरकारी जमीन को कब्रिस्तान बताकर फर्जी ट्रस्ट के जरिए वक्फ संपत्ति में रजिस्टर्ड करवा लिया गया।

लखनऊ (जनमत): उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में वक्फ संशोधन कानून के तहत पहली बार एफआईआर दर्ज की गई है। आरोप है कि गांव सारनिया (थाना सीबीगंज) में तीन बीघा सरकारी जमीन को कब्रिस्तान बताकर फर्जी ट्रस्ट के जरिए वक्फ संपत्ति में रजिस्टर्ड करवा लिया गया। इस जमीन पर मजार बनाकर झाड़-फूंक का काम किया जा रहा था, जिससे आसपास के लोग परेशान थे।
इस मामले में एक ही परिवार के 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
शिकायत और पुलिस कार्रवाई:
गांव सारनिया निवासी पुत्तन शाह ने इस मामले की शिकायत एसएसपी अनुराग आर्य से की थी। पुत्तन शाह का आरोप है कि गांव के ही सब्जे अली ने एक फकीर सैय्यद हामिद हसन के नाम पर सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया। हामिद हसन की मौत के बाद वहां पक्की मजार बनवा दी गई और तीन बीघा ज़मीन पर अवैध निर्माण कर लिया गया।
जब पुत्तन शाह ने इसका विरोध किया तो उनके साथ मारपीट भी की गई।
पुलिस जांच और खुलासा:
एसएसपी अनुराग आर्य के मुताबिक, राजस्व रिकॉर्ड में यह ज़मीन सरकारी है। जांच में सामने आया कि 24 नवंबर 2020 को “सैय्यद हामिद हसन दरगाह चैरिटेबल ट्रस्ट” के नाम से ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन कराया गया था।
इस ट्रस्ट के ज़रिए सब्जे अली, उनकी पत्नी जकीरा, बेटियां फरहा नाज़, गुलनाज, शना जाफरी, राहिला जाफरी, और सहयोगी मनीष कुमार समेत कुल 11 लोगों ने जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया और खुद को ट्रस्टी भी घोषित कर दिया।
कानून के तहत पहली बड़ी कार्रवाई:
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के नाम पर इस ट्रस्ट ने कथित तौर पर करोड़ों की सरकारी ज़मीन पर कब्जा किया। एसएसपी के निर्देश पर सीबीगंज थाने में वक्फ संशोधन कानून के तहत यह केस दर्ज किया गया है।