फतेहपुर से भीम शंकर की रिपोर्ट —
फतेहपुर/जनमत न्यूज। जनपद के असोथर थाना क्षेत्र अंतर्गत सरकंडी गांव में उस समय हालात बेकाबू हो गए, जब भ्रष्टाचार की जांच करने पहुंची प्रशासनिक टीम के सामने ही प्रधान पक्ष और शिकायतकर्ताओं के बीच जमकर मारपीट हो गई। जांच के दौरान अचानक हुई इस हिंसक घटना से गांव में अफरा-तफरी और दहशत का माहौल बन गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सड़क, नाली और खड़ंजा निर्माण में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच के लिए पीडी मनरेगा, लेखाधिकारी और पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम गांव पहुंची थी। इसी दौरान प्रधान पक्ष और शिकायतकर्ताओं के बीच कहासुनी हो गई, जो देखते ही देखते मारपीट में बदल गई। आरोप है कि प्रधान और उसके समर्थकों ने शिकायतकर्ताओं पर हमला कर दिया तथा असलहों की बट और लाठी-डंडों से जमकर पिटाई की गई। इतना ही नहीं, दर्जनों की संख्या में असलहों का खुलेआम प्रदर्शन किए जाने का भी आरोप है, जिससे ग्रामीणों में भय व्याप्त हो गया।
घटना की सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और स्थिति को नियंत्रित किया। हालांकि, इसी बीच सरकंडी के प्रधान पति अपने समर्थकों के साथ मौके से निकल गए। मारपीट में कुल छह लोग घायल हो गए, जिन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों की हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि सरकंडी गांव में बीते लगभग 20 वर्षों से संतोष द्विवेदी के परिवार के पास प्रधानी है और इस दौरान करोड़ों रुपये के गबन को अंजाम दिया गया है। उनका कहना है कि पिछले पांच वर्षों में ही बड़ी धनराशि का दुरुपयोग किया गया, जिसकी शिकायत संबंधित विभागों और प्रशासन से की गई थी। इसी शिकायत के आधार पर प्रशासनिक टीम जांच के लिए गांव पहुंची थी।
वहीं जांच के लिए पहुंचे अधिकारियों ने बताया कि वे बिना किसी पुलिस फोर्स को सूचना दिए गांव पहुंचे थे। हालात बिगड़ने पर तत्काल पुलिस को बुलाया गया। असोथर थाना प्रभारी ने बताया कि पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
घटना के बाद से गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है। एहतियातन पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है।