पूर्वोत्तर को अलग करने की धमकी दे रहा बांग्लादेशी हसनत अब्दुल्ला, भारत ने जताई गंभीर चिंता

भारत के विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त एम रियाज हमीदुल्लाह को तलब कर ढाका में भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई है।

पूर्वोत्तर को अलग करने की धमकी दे रहा बांग्लादेशी हसनत अब्दुल्ला, भारत ने जताई गंभीर चिंता
Published By- Diwaker Mishra

नई दिल्ली/ढाका/जनमत न्यूज़। भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त एम रियाज हमीदुल्लाह को तलब कर ढाका में भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई है। यह कदम बांग्लादेश की नेशनल सिटीजन पार्टी (NCP) के नेता हसनत अब्दुल्ला के उस विवादास्पद बयान के बाद उठाया गया है, जिसमें उसने भारत के पूर्वोत्तर के सात राज्यों (सेवन सिस्टर्स) को अलग-थलग करने और अलगाववादी समूहों को शरण देने की धमकी दी थी।

कौन है हसनत अब्दुल्ला?

27 वर्षीय हसनत अब्दुल्ला 2024 में बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कोटा के खिलाफ छात्र आंदोलन के दौरान सुर्खियों में आया था। यह आंदोलन बाद में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के खिलाफ व्यापक प्रदर्शनों में बदल गया, जिसके परिणामस्वरूप हसीना को सत्ता छोड़नी पड़ी। उस समय अब्दुल्ला 'स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन' प्लेटफॉर्म के प्रमुख समन्वयकों में से एक था।

हसीना के इस्तीफे के बाद, अब्दुल्ला फरवरी 2025 में उभरी नेशनल सिटीजन पार्टी (NCP) में शामिल हो गया और उसे पार्टी का दक्षिणी क्षेत्र का मुख्य आयोजक नियुक्त किया गया। अब्दुल्ला विवादों से दूर नहीं रहा है। अप्रैल 2025 में उसने बांग्लादेश की सेना पर राजनीति में हस्तक्षेप का आरोप लगाया था, जिस पर सेना ने उसके बयान को "हास्यास्पद और अपरिपक्व" करार दिया था।

क्या था अब्दुल्ला का ताजा बयान?

15 दिसंबर को ढाका के सेंट्रल शहीद मीनार में एक सभा को संबोधित करते हुए हसनत अब्दुल्ला ने कहा- अगर बांग्लादेश को अस्थिर करने की कोशिश की गई, तो प्रतिरोध की आग सीमाओं के पार फैल जाएगी। चूंकि आप हमें अस्थिर करने वाली ताकतों को शरण दे रहे हैं, हम भी सेवन सिस्टर्स के अलगाववादियों को शरण देंगे।

उसने आगे कहा- मैं भारत को स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि अगर आप उन ताकतों को शरण देते हैं जो बांग्लादेश की संप्रभुता, क्षमता, मताधिकार और मानवाधिकारों का सम्मान नहीं करते, तो बांग्लादेश भी जवाब देगा।

'सेवन सिस्टर्स' से तात्पर्य भारत के सात पूर्वोत्तर राज्यों- अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा से है। इन राज्यों का भारत से मुख्य जुड़ाव सिलिगुड़ी कॉरिडोर (चिकन नेक) के माध्यम से है, जो सबसे संकरे हिस्से में मात्र 20 किलोमीटर चौड़ा है और नेपाल तथा बांग्लादेश के बीच स्थित है।

यह कॉरिडोर लंबे समय से भारत के लिए आर्थिक और रणनीतिक चुनौती रहा है। पिछले डेढ़ दशक में शेख हसीना सरकार के साथ भारत के संबंधों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा पूर्वोत्तर तक बांग्लादेश के माध्यम से पहुंच मार्ग खोलना था, जैसा विभाजन से पहले होता था।

उदाहरण के लिए, त्रिपुरा की राजधानी अगरतला बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह से मात्र 200 किलोमीटर दूर है। हालांकि, हसीना के सत्ता से हटने और मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के आने के बाद ये योजनाएं ठप पड़ गई हैं, जिसे कुछ लोग 'भारत-विरोधी' मानते हैं।

भारत ने कैसे जवाब दिया?

विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है- बांग्लादेश के उच्चायुक्त को आज विदेश मंत्रालय द्वारा तलब किया गया और बांग्लादेश में बिगड़ते सुरक्षा माहौल को लेकर भारत की गंभीर चिंताओं से अवगत कराया गया। विशेष रूप से कुछ उग्रवादी तत्वों की गतिविधियों की ओर ध्यान आकर्षित किया गया, जिन्होंने ढाका में भारतीय मिशन के आसपास सुरक्षा स्थिति पैदा करने की योजना की घोषणा की है।

बयान में आगे कहा गया- उग्रवादी तत्वों द्वारा बांग्लादेश में हाल की कुछ घटनाओं के संबंध में बनाई जा रही झूठी कहानी को भारत पूरी तरह खारिज करता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अंतरिम सरकार ने न तो इन घटनाओं की गहन जांच की है और न ही भारत के साथ कोई सार्थक सबूत साझा किए हैं।

भारत ने अंतरिम सरकार से अपेक्षा जताई है कि वह राजनयिक दायित्वों के अनुरूप भारतीय मिशनों और पोस्ट्स की सुरक्षा सुनिश्चित करे। इस घटना के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव और बढ़ गया है, जो पहले से ही हसीना के निर्वासन और अंतरिम सरकार की नीतियों के कारण तनावपूर्ण हैं।