जिलाधिकारी कार्यालय के बाबू पर महिला ने लगाया अश्लील हरकत करने का गंभीर आरोप
उत्तर प्रदेश के भदोही जिले से एक महिला ने जिलाधिकारी कार्यालय में तैनात बाबू यानी ओएसडी पर गंभीर आरोप लगाने का मामला सामने आया है।

भदोही/जनमत। उत्तर प्रदेश के भदोही जिले से एक महिला ने जिलाधिकारी कार्यालय में तैनात बाबू यानी ओएसडी पर गंभीर आरोप लगाने का मामला सामने आया है। महिला का आरोप है कि ओएसडी ने फोन पर अश्लील बातें कीं, मानसिक उत्पीड़न किया और घर आकर गंदी हरकतें कीं। मामला अब राज्य महिला आयोग तक पहुंच गया है। पीड़िता ने एक कथित ऑडियो क्लिप भी आयोग को सौंपी है।
पूरा मामला भदोही के ज्ञानपुर कोतवाली क्षेत्र का है। यहां की रहने वाली एक महिला का आरोप है कि उसने दो साल पहले गडेरियापुर गांव में भूमिधरी ज़मीन की मेड़बंदी के लिए जिलाधिकारी को एक आवेदन दिया था। यह पत्र डीएम कार्यालय के ओएसडी टाइपिस्ट जगदीश को सौंपा गया। महिला का आरोप है कि ओएसडी ने उसका नंबर सेव कर लिया और रात में फोन कर अश्लील बातें करनी शुरू कर दीं। इतना ही नहीं, महिला के मुताबिक, ओएसडी ने कहा कि अगर उसकी बात मानी, तो जमीन का विवाद खत्म करा देगा। अगर बातचीत शेयर की, तो ज़मीन भी जाएगी और उसके देवर को भी फंसा देगा। महिला ने बताया कि जब उसने अश्लीलता का विरोध किया तो ओएसडी ने कुछ समय बाद फोन करना बंद किया लेकिन खुद उसके घर आने लगा। चाय और अन्य बहानों से घर आता, और फिर वही अश्लील हरकतें और धमकी! महिला के मुताबिक, ओएसडी अक्सर कहता कि “मैं डेढ़ दशक से इस पद पर हूं, कोई मेरा कुछ नहीं कर सकता।”
महिला का दावा है कि काफी समय तक चुप रहने के बाद उसने अपने पति को सब कुछ बताया और फिर जिलाधिकारी व एसपी को पत्र और ऑडियो क्लिप सौंपते हुए न्याय की गुहार लगाई। लेकिन ज्ञानपुर पुलिस ने जांच के नाम पर महज औपचारिकता निभाई। आरोपी को क्लीन चिट दे दी गई। ऑडियो क्लिप या कॉल डिटेल की कोई जांच नहीं की गई।
अब महिला ने राज्य महिला आयोग का दरवाजा खटखटाया है। आयोग को भेजे पत्र और ऑडियो क्लिप में उसने न सिर्फ न्याय की मांग की है, बल्कि यह भी कहा है कि उसे और उसके परिवार को शिकायत वापस लेने का दबाव दिया जा रहा है। आयोग को भेजे पत्र में महिला ने यहां तक लिखा है कि अगर न्याय नहीं मिला, तो वह पूरे परिवार के साथ आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाएगी।
पुलिस अधीक्षक अभिमन्यु मांगलिक ने कहा कि यह मामला पुराना है। इसकी जांच क्षेत्राधिकारी ज्ञानपुर व एसडीएम औराई द्वारा की गई थी। जांच में आरोप निराधार पाए गए। महिला के परिवार का एक सदस्य डीएम बंगले पर कार्यरत था, इसलिए वह आती जाती थी। जांच में किसी भी प्रकार की अश्लील बातचीत की पुष्टि नहीं हुई है। फिलहाल, महिला आयोग को शिकायत के आधार पर ऑडियो इत्यादि की फिर से जांच कराई जाएगी।