बहराइच: वन विभाग को मिली बड़ी सफलता, पिंजरे में कैद हुआ तेंदुआ; ग्रामीणों ने ली राहत की सांस
बहराइच जिले के नानपारा रेंज क्षेत्र में बीते कई दिनों से दहशत का कारण बना तेंदुआ आखिरकार वन विभाग द्वारा लगाए गए पिंजरे में कैद कर लिया गया है।
बहराइच से रिजवान खान की रिपोर्ट
बहराइच/जनमत न्यूज़। उप्र के बहराइच जिले के नानपारा रेंज क्षेत्र से एक बड़ी और राहत भरी खबर सामने आई है। शिवपुर विकास खंड के ग्राम बल्दुपुरवा में बीते कई दिनों से दहशत का कारण बना तेंदुआ आखिरकार वन विभाग द्वारा लगाए गए पिंजरे में कैद कर लिया गया है। यह कार्रवाई बीती रात करीब 9 बजे सफलतापूर्वक पूरी की गई।
नानपारा रेंज अंतर्गत ग्राम बल्दुपुरवा, बाजपुरवा और पिपरिया के आसपास बीते कई दिनों से तेंदुए की लगातार आवाजाही की सूचना मिल रही थी। आबादी क्षेत्र के पास तेंदुए की मौजूदगी से ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ था।
बीते 5 दिसंबर की शाम करीब 8 बजे ग्राम बल्दुपुरवा में अच्छेलाल पुत्र लल्लू (उम्र 10 वर्ष) पर तेंदुए ने हमला करने का प्रयास भी किया था। हालांकि गनीमत रही कि बच्चा सुरक्षित बच गया। इस घटना के बाद वन विभाग ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पूरे क्षेत्र में सघन कॉम्बिंग ऑपरेशन शुरू किया। तेंदुए के पदचिन्हों के आधार पर सरयू नदी के किनारे, गन्ने के खेत में पिंजरा लगाया गया। साथ ही ग्रामीणों को सतर्क रहने और रात में अकेले बाहर न निकलने की सलाह दी गई।
दिनांक 7 दिसंबर की रात करीब 9 बजे तेंदुआ पिंजड़े में बंधी बकरी का शिकार करने के लिए पिंजरे में घुसा और खुद पिंजरे में कैद हो गया। सुरक्षा की दृष्टि से उसे उसी रात नानपारा रेंज कार्यालय लाया गया।
दिनांक 8 दिसंबर को उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी नानपारा, डॉ. हरीश द्वारा तेंदुए का चिकित्सीय परीक्षण किया गया। जांच में तेंदुआ नर पाया गया, जिसकी उम्र लगभग 3 से 4 वर्ष आंकी गई है और उसकी स्थिति पूरी तरह स्वस्थ बताई गई।
इस संबंध में उच्च अधिकारियों को सूचना दे दी गई है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव लखनऊ की अनुमति के बाद तेंदुए को उसके नए प्राकृतिक आवास में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया जाएगा। नानपारा रेंज क्षेत्र में गन्ने की अधिकता और जंगल की नजदीकी के कारण तेंदुओं का आबादी क्षेत्र में आना आम बात हो गई है। ऐसे में मानव–वन्यजीव संघर्ष की संभावनाएं बनी रहती हैं।
रेंज अधिकारी पीयूष गुप्ता द्वारा लगातार ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है और लोगों से अपील की जा रही है कि वे रात के समय सतर्क रहें, बच्चों को अकेले बाहर न भेजें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत वन विभाग को दें।

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