ड्यूटी के दौरान सीआरपीएफ हवलदार राजेश कुमार का निधन, नगवाईं में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

अंतिम संस्कार के दौरान प्रशासनिक अमला भी पूरी तरह मौजूद रहा। कार्यक्रम में एसडीएम भावना विमल, सीओ ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह, तहसीलदार संदीप सिंह, नायब तहसीलदार शाश्वत अग्रवाल, और थाना प्रभारी अमित कुमार तोमर सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।

ड्यूटी के दौरान सीआरपीएफ हवलदार राजेश कुमार का निधन, नगवाईं में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
REPORTED BY - NAND KUMAR, PUBLISHED BY - MANOJ KUMAR

एटा/जनमत न्यूज। जिले के जलेसर तहसील क्षेत्र के नगवाईं गांव निवासी सीआरपीएफ हवलदार राजेश कुमार यादव का झारखंड के चाईबासा में ड्यूटी के दौरान हृदय गति रुकने से निधन हो गया। यह दुखद घटना शनिवार सुबह लगभग 5 बजे की बताई जा रही है।

रविवार की रात करीब 9 बजे उनका पार्थिव शरीर नगवाईं गांव पहुंचा, जहां हजारों लोगों ने नम आंखों से अपने वीर सपूत को अंतिम विदाई दी। पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर लाया गया, और गांव की गलियों को तिरंगे झंडों व फूलों से सजाया गया था। इस दौरान वातावरण “भारत माता की जय” और “राजेश यादव अमर रहें” के नारों से गूंज उठा।

अंतिम संस्कार के दौरान प्रशासनिक अमला भी पूरी तरह मौजूद रहा। कार्यक्रम में एसडीएम भावना विमल, सीओ ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह, तहसीलदार संदीप सिंह, नायब तहसीलदार शाश्वत अग्रवाल, और थाना प्रभारी अमित कुमार तोमर सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। इस अवसर पर सीआरपीएफ की टुकड़ी ने हवलदार राजेश कुमार को गार्ड ऑफ ऑनर देकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

परिजनों के अनुसार, राजेश कुमार वर्ष 1995 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे और वर्तमान में चाईबासा के छोटानागरा कैंप में तैनात थे। वे 3 नवंबर को अपने गांव आए थे, जहां उन्होंने अपने बड़े भाई स्वर्गीय विजय पाल सिंह की नातिनी की शादी में हिस्सा लिया था। 4 नवंबर को वे पुनः ड्यूटी के लिए रवाना हुए और 6 नवंबर को कैंप पहुंचे।

7 नवंबर की रात उन्होंने ड्यूटी की थी, और 8 नवंबर की सुबह 5 बजे उनके साथियों ने उन्हें निर्जीव अवस्था में पाया। डॉक्टरों ने जांच के बाद उनकी मौत का कारण हृदय गति रुकना बताया।

हवलदार राजेश कुमार अपने पीछे चार बेटे, तीन पोते और दो पोतियां छोड़ गए हैं। उनके पुत्र अनकूल यादव रिंकू ने बताया कि उनके पिता हमेशा कहा करते थे — “वर्दी पहनना आसान नहीं है, लेकिन देश की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है।”