प्रतापगढ़ में व्रती महिलाओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर मांगी परिवार की सुख-समृद्धि की कामना
हल्की रिमझिम बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ। सई घाटों पर छठी मइया के पारंपरिक गीतों और भजनों की गूंज से वातावरण भक्तिमय हो उठा। व्रती महिलाओं ने विधि-विधानपूर्वक भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया और फिर मंगलगीत गाते हुए घरों को लौटीं।
प्रतापगढ़/जनमत न्यूज। लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा का समापन मंगलवार को उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ हुआ। जिले के शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक छठ का उल्लास और भक्ति का माहौल देखने को मिला। सुबह चार बजे से ही श्रद्धालु सई नदी के घाटों पर एकत्र होने लगे, जहां व्रती महिलाओं ने डूबते और उगते सूर्य की पूजा कर अपने परिवार की खुशहाली की कामना की।
हल्की रिमझिम बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ। सई घाटों पर छठी मइया के पारंपरिक गीतों और भजनों की गूंज से वातावरण भक्तिमय हो उठा। व्रती महिलाओं ने विधि-विधानपूर्वक भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया और फिर मंगलगीत गाते हुए घरों को लौटीं।
पूर्वांचल और बिहार का यह प्रमुख लोक आस्था का पर्व अब प्रतापगढ़ में भी बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाने लगा है। हर वर्ष छठ व्रत करने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। इस अवसर पर सईघाट सहित जिले के अन्य छठ घाटों पर मेले जैसा नजारा रहा।
हिंदू धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि छठ व्रत करने वाली महिलाओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उनके परिवार में सुख, शांति व समृद्धि बनी रहती है।

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