संजय राउत बोले — “धनखड़ बिल्कुल स्वस्थ हैं, पर्दे के पीछे चल रही है बड़ी राजनीति”, विपक्ष ने उठाए इस्तीफे की टाइमिंग पर सवाल
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने देश की राजनीति में हलचल मचा दी है। सोमवार को संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत के दिन ही जब उन्होंने ‘स्वास्थ्य कारणों’ का हवाला देकर पद छोड़ने की घोषणा की, तो इसपर सवाल उठने लगे।

नई दिल्ली/जनमत न्यूज़- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने देश की राजनीति में हलचल मचा दी है। सोमवार को संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत के दिन ही जब उन्होंने ‘स्वास्थ्य कारणों’ का हवाला देकर पद छोड़ने की घोषणा की, तो इसपर सवाल उठने लगे। अब शिवसेना (UBT) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बड़ा दावा किया है कि धनखड़ की तबीयत एकदम ठीक है, और सितंबर में देश की राजनीति में कुछ बड़ा होने वाला है।
मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में संजय राउत ने कहा:“उपराष्ट्रपति जी का इस्तीफा कोई साधारण घटना नहीं है। जो कारण उन्होंने दिया है — हेल्थ का — मैं मानने को तैयार नहीं हूं। वो स्वस्थ हैं, खुशमिजाज व्यक्ति हैं और लड़ने वाले इंसान हैं, मैदान छोड़ने वाले नहीं।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि उन्होंने खुद धनखड़ को दिनभर सक्रिय रूप में देखा है और ऐसा कोई संकेत नहीं मिला कि उनकी तबीयत बिगड़ी हो। राउत ने संकेत दिया कि दिल्ली में राष्ट्रीय राजनीति में कुछ पर्दे के पीछे चल रहा है। उन्होंने कहा:“मैं अभी विस्तार से कुछ नहीं कह सकता, लेकिन सितंबर में कुछ होगा। यह इस्तीफा अचानक नहीं आया है, इसके पीछे कुछ बड़ी रणनीति है।”
शिवसेना (UBT) के एक और नेता आनंद दुबे ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा: “अगर स्वास्थ्य कारण था, तो इस्तीफा सत्र से पहले या बाद में भी दिया जा सकता था। सत्र के पहले दिन इस्तीफा देना बताता है कि कुछ छिपाया जा रहा है।”दुबे ने इस फैसले को ‘बिना उचित परामर्श और चर्चा के लिया गया निर्णय’ बताया और कहा कि यह सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल खड़ा करता है।
उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद से अचानक इस्तीफा और उसके पीछे स्वास्थ्य का हवाला — लेकिन विपक्ष के नेताओं की ओर से यह दावा कि वे पूरी तरह स्वस्थ हैं — अब इस प्रकरण को और रहस्यमय बना रहा है। संजय राउत द्वारा "सितंबर में कुछ बड़ा होने" का इशारा करना भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।