सांठगांठ जारी, इसलिए उनके आभारी: मायावती के बयान पर अखिलेश यादव का तंज

बसपा प्रमुख मायावती ने कांशीराम स्मारक रैली में योगी सरकार की तारीफ की, तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन पर ‘सांठगांठ’ का आरोप लगाया। पढ़ें पूरी राजनीतिक रिपोर्ट।

सांठगांठ जारी, इसलिए उनके आभारी: मायावती के बयान पर अखिलेश यादव का तंज
Published By- A.K. Mishra

लखनऊ/जनमत न्यूज़:-  बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने गुरुवार को कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित बसपा महारैली में योगी सरकार की तारीफ की, जिसके बाद समाजवादी पार्टी (SP) प्रमुख अखिलेश यादव ने उन पर तीखा तंज कसा। मायावती के बयान के बाद अखिलेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा — “क्योंकि उनकी अंदरूनी सांठगांठ जारी है, इसलिए वो ज़ुल्म करने वालों के आभारी हैं।”

कांशीराम स्मारक स्थल, लखनऊ में आयोजित महारैली में मायावती ने कहा कि वह योगी सरकार की आभारी हैं क्योंकि “इस स्थल को देखने आने वाले लोगों के टिकटों से जो पैसा जमा होता है, भाजपा सरकार ने उसे दबाया नहीं बल्कि मरम्मत और रखरखाव पर खर्च किया।” उन्होंने कहा कि यह काम सपा सरकार ने नहीं किया था।

मायावती ने कहा — “वर्तमान राज्य सरकार ने स्मारक की मरम्मत पर खर्च किया, इसलिए मैं आभारी हूं। बसपा सिर्फ एक राजनीतिक दल नहीं बल्कि एक आंदोलन है, जो समाज के दबे-कुचले वर्गों को सम्मान दिलाने के लिए संघर्षरत है।”

बसपा प्रमुख की इस टिप्पणी के बाद अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए तीखा हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा — “क्योंकि उनकी अंदरूनी साँठगांठ जारी है, इसलिए वो हैं ज़ुल्म करने वालों के आभारी।”

इस बयान से सियासी हलचल तेज हो गई है। कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मायावती और भाजपा के बीच बढ़ती नजदीकियों पर अखिलेश यादव ने निशाना साधा है।

अपने संबोधन में मायावती ने कहा कि जब 2007 में बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी, तब कांग्रेस, भाजपा और सपा तीनों ने मिलकर बसपा को केंद्र की सत्ता तक पहुंचने से रोकने की साजिश रची।
उन्होंने EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) पर भी सवाल उठाया और कहा कि “रही-सही कसर ईवीएम ने पूरी कर दी।”

मायावती ने कहा कि कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर संविधान और बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के सिद्धांतों का अपमान किया। उन्होंने सपा पर आरोप लगाया कि उनके शासन में दलितों और पिछड़ों का उत्पीड़न हुआ, कानून व्यवस्था चरमरा गई और अराजक तत्वों को संरक्षण मिला। “सपा के राज में भय और अराजकता का माहौल था। डॉ. आंबेडकर का सपना था कि दलित और पिछड़े सत्ता की मास्टर चाबी अपने हाथ में लें — बसपा ने इसे पूरा किया,” — मायावती ने कहा।

मायावती ने कहा कि अखिलेश यादव ने सत्ता में रहते हुए कांशीराम स्मारक बनाने का वादा पूरा नहीं किया, जबकि अब राजनीतिक लाभ के लिए उनके नाम का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बसपा के शासनकाल में बनाए गए स्मारकों के नाम सपा सरकार ने बदल दिए, जो दलित विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।