मध्य प्रदेश के राजगढ़ में एक महिला जो रोज खाती है 60 से 70 रोटियां फिर भी है कमजोर !

मध्य प्रदेश में महिला हुई ऐसी बीमारी जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे जी हां और वो बीमारी है ...............

मध्य प्रदेश के राजगढ़ में एक महिला जो रोज खाती है 60 से 70 रोटियां फिर भी है कमजोर !
Published By: JYOTI KANOJIYA

मध्य प्रदेश से जनमत न्यूज़ :- मध्य प्रदेश में महिला हुई ऐसी बीमारी जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे जी हां और वो बीमारी है खाने की  . वो सुबह से शाम तक खाती रहती है. हैरानी की बात ये है कि महिला सुबह से रात तक में 60 से 70 रोटियां खा जाती है. फिर भी उसे कमजोरी लगती है. महिला के मायके और ससुराल वाले परेशान हो गए हैं. महिला का इलाज भी कराया गया, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ.

महिला की रोज की खुराक 60 से 70 रोटियों की है. हम जिस महिला के बारे में आपको बता रहे हैं वो मध्य प्रदेश के राजगढ़ के सुठालिया कस्बे के पास नेवज गांव की निवासी है. महिला का नाम मंजू सौंधिया (28) है. उसके दो बच्चे हैं. मंजू को तीन साल पहले इस अजीब बीमारी ने अपनी जकड़ में ले लिया. इस बमारी ने उसका जीवन मुश्किल कर दिया है. महिला हर पल बस रोटी खाती और पानी पीती है.

महिला डॉक्टर बोली- साइकियाट्रिक डिसऑर्डर
मंजू ने छह माह पहले एक महिला डॉक्टर को दिखाया था. उसे भर्ती करके उसका इलाज किया गया क्योंकि उसको घबराहट हो रही थी. जब बाद में महिला फिर गई तो डॉक्टर ने उसे मल्टीविटामिन की दवाएं दी थीं. मंजू को देखने वाली महिला डॉक्टर ने बताया कि ये एक साइकियाट्रिक डिसऑर्डर है, जिसमें मंजू खुद को बिना खाया-पिया महसूस करती है, इसीलिए मन को शांत करने के लिए बार-बार रोटी खाती और पानी पीती है.

मंजू ने महिला डॉक्टर की सलाह पर भोपाल में एक मनोचिकित्सक को भी दिखाया. उसने मंजू से कहा कि ये कोई मानसिक बिमारी नहीं है. मंजू के भाई ने बताया कि मंजू को कुछ समय टायफाइड हुआ था, जो ठीक हो गया, लेकिन रोटी खाने की इस अजीब बीमारी से मंजू तीन सालों से परेशान हैं. कभी वो 20 से 30 तो कभी 60 से 70 रोटियां खा जाती है.

इलाज में आर्थिक हालात खराब
वहीं मंजू को देखने वाली महिला डॉक्टर ने उसकी रोटी खाने की आदत छूड़ाने के लिए उसको फल, खिचड़ी और अन्य खाने की चीजें देने की सलाह परिवार वालों को दी है. मायके और सुसुराल वालों ने मंजू का इलाज कराया, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. इलाज में आर्थिक हालात खराब हो गए. अब तक सरकार की ओर से सहायता नहीं मिली है. परिवार वालों के पास मंजू के इलाज के लिए पैसे भी नहीं हैं.