ट्रंप के टैरिफ पर जिनपिंग का जवाब – चीन ट्रेड वॉर से नहीं डरता

शी जिनपिंग ने ट्रंप की टैरिफ नीति को एकतरफा दबाव करार देते हुए यूरोपीय देशों से चीन का साथ देने की अपील की।

ट्रंप के टैरिफ पर जिनपिंग का जवाब – चीन ट्रेड वॉर से नहीं डरता

देश/विदेश (जनमत):अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर 145 प्रतिशत टैरिफ लगाकर व्यापार युद्ध की आग भड़काने के बाद, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस मुद्दे पर पहली बार सार्वजनिक बयान दिया है। स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज के साथ बैठक के बाद जिनपिंग ने कहा कि चीन इस व्यापार संघर्ष से घबराने वाला नहीं है। उन्होंने दो टूक कहा, “ट्रेड वॉर में किसी को जीत नहीं मिलती, और दुनिया के खिलाफ जाकर कोई देश खुद को अलग-थलग ही करेगा।”

जिनपिंग के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि चीन अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को लेकर झुकने के मूड में नहीं है। इसके विपरीत, चीन अब वैश्विक सहयोग के जरिए अमेरिका के खिलाफ संयुक्त रणनीति बनाने की कोशिश कर रहा है।

शी जिनपिंग ने ट्रंप की टैरिफ नीति को एकतरफा दबाव करार देते हुए यूरोपीय देशों से चीन का साथ देने की अपील की। उन्होंने कहा, “पिछले सात दशकों में चीन ने आत्मनिर्भरता और कड़ी मेहनत के बल पर तरक्की की है, और यह किसी का दिया हुआ नहीं है। चीन अन्याय और दमन से डरता नहीं है।”

अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने के बाद चीन ने भारत समेत कई देशों से संवाद बढ़ाया है, ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका पर दबाव डाला जा सके। हालांकि, अब तक चीन को अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाया है, क्योंकि अधिकांश देश ट्रंप की नीति के खिलाफ खुलकर आने से बच रहे हैं।

उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक मंदी की आहट के बीच कुछ देशों पर लगाए गए आयात शुल्क को अस्थायी रूप से 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया है। हालांकि, चीन से आयात पर टैरिफ की दर बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दी गई है, जो पहले 20 प्रतिशत थी। ट्रंप का दावा है कि अब कई देश अमेरिका से बेहतर शर्तों पर बातचीत को तैयार हैं।

चीन ने ट्रंप के इन फैसलों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उसने अमेरिका पर “धोखेबाजी” का आरोप लगाया और साफ कहा कि वह इस टैरिफ युद्ध में पीछे हटने वाला नहीं है। चीन ने जवाब में अमेरिकी वस्तुओं पर 84 प्रतिशत का शुल्क लगा दिया है, जो गुरुवार से लागू हो गया है।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, “अगर कारण उचित हो तो लोगों का साथ मिल जाता है। अमेरिका अपने एकतरफा रवैए से समर्थन नहीं पा सकेगा और अंततः असफल होगा।”

इस पूरे घटनाक्रम के बीच चीन ने अब यूरोपीय देशों से अपने संबंध मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के बीच हाल ही में टेलीफोन पर बातचीत हुई, जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर सकारात्मक संदेश देना बताया गया है। गौरतलब है कि चीन और यूरोपीय संघ एक-दूसरे के प्रमुख व्यापारिक सहयोगी हैं।