निमिषा प्रिया को मिली बड़ी राहत, भारत सरकार के प्रयासों से टली फांसी
यमन में मौत की सजा का सामना कर रहीं भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को बड़ी राहत, भारत सरकार और धार्मिक नेताओं के प्रयासों से फांसी टली। अब ब्लड मनी के ज़रिए समझौते की कोशिशें जारी।

नई दिल्ली/जनमत न्यूज़:- यमन में मौत की सजा का सामना कर रहीं भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को एक बड़ी राहत मिली है। भारत सरकार और सामाजिक संगठनों के लगातार प्रयासों के चलते यमन प्रशासन ने फिलहाल उनकी सजा-ए-मौत को टालने का फैसला लिया है। इससे उनके परिवार और वकीलों को ब्लड मनी के ज़रिए समझौते की कोशिश करने का अतिरिक्त समय मिल गया है।
सोमवार सुबह यमन में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। इस बैठक में केरल के सुन्नी मुस्लिम धर्मगुरु अबू बकर मुसलियार के मित्र और यमन की शूरा काउंसिल के सदस्य शेख हबीब उमर भी मौजूद थे। यही मध्यस्थता इस राहत का कारण बनी।
केरल की रहने वाली निमिषा प्रिया यमन में बतौर नर्स काम कर रही थीं। उन पर आरोप है कि उन्होंने यमनी नागरिक तलाल आबदो मेहदी को नशीली दवा देकर उसकी हत्या कर दी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तलाल उनके पासपोर्ट को जबरन अपने पास रखे हुए था और लगातार मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न कर रहा था। उसी से छुटकारा पाने की कोशिश में यह घटना हुई। इसके चलते यमन की अदालत ने निमिषा को मौत की सजा सुनाई थी, जो 16 जुलाई 2025 को लागू होनी थी।
भारत सरकार की ओर से इस मामले में लगातार राजनयिक और कानूनी प्रयास किए जा रहे थे। विदेश मंत्रालय, यमन स्थित भारतीय दूतावास और सामाजिक कार्यकर्ता सक्रिय रहे। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में सरकार से सवाल किया था कि वे इस मामले में क्या कर रहे हैं। सरकार ने अदालत में यह स्वीकार किया था कि यमन के कानून और वहां की स्थिति अलग है, इसलिए सीधी कार्रवाई संभव नहीं है, लेकिन कूटनीतिक प्रयास जारी हैं।