इजरायली PM नेतन्याहू ने ऐसा किया क्या, जिसके लिए मांग रहे माफी; करियर ही लगा दांव पर
विरोधी देशों पर धड़ाधड़ हमला करने वाले इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भ्रष्टाचार के मामलों में इस कदर घिर गए हैं कि अब वह राष्ट्रपति से क्षमादान मांग रहे हैं।
तेल अवीव/जनमत न्यूज़। विरोधी देशों पर धड़ाधड़ हमला करने वाले इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भ्रष्टाचार के मामलों में इस कदर घिर गए हैं कि अब वह राष्ट्रपति से क्षमादान मांग रहे हैं। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मुकदमे पर रोक लगवाने के लिए उन्होंने राष्ट्रपति से माफ करने की अपील की है।
बता दें कि नेतन्याहू इजरायल के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जो कि मुकदमे के बावजूद पद पर मौजूद हैं। नेतन्याहू पर विश्वासघात, रिश्वत लेने और पैसे के बदले टेलीकॉम कंपनियों और हॉलिवुड प्रोड्यूसर से राजनीतिक संर्थन हासिल करने का आरोप है।
नेतन्याहू ने जूडिशल सिस्टम के खिलाफ खोला है मोर्चा
नेतन्याहू इन आरोपों को लेकर देश की न्याय व्यवस्था के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह अनुरोध क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलावों के दौर में देश को एकजुट करने में मदद करेगा। हालांकि नेतन्याहू के विरोधियों ने तुरंत इसकी निंदा की और कहा कि इससे इजराइल की लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर होंगी।
यह खतरनाक संदेश जाएगा कि वह कानून के शासन से ऊपर हैं। इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि नेतन्याहू ने राष्ट्रपति कार्यालय के कानूनी विभाग को क्षमादान का अनुरोध प्रस्तुत किया है। राष्ट्रपति कार्यालय ने इसे एक असाधारण अनुरोध बताया है।
अभी किसी मामले में दोषी नहीं करार दिए गए हैं नेतन्याहू
बेंजामिन नेतन्याहू पर तीन मुकदमे चल रहे हैं लेकिन उन्हें अब तक किसी भी मामले में दोषी नहीं करार दिया गया है। हालांकि इन मुकदमों से उनका करियर दांव पर लगा है। अगर किसी भी मामले में उन्हें दोषी पाया जाता है तो उन्हें तत्काल इस्तीफा देना पड़ सकता है।
नेतन्याहू ने आरोपों को खारिज किया है और इस मामले की निंदा करते हुए इसे मीडिया, पुलिस और न्यायपालिका द्वारा साजिश के तहत निशाना बनाए जाने का आरोप लगाया है। यह अनुरोध अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इजरायल से नेतन्याहू को क्षमा करने का आग्रह करने के कुछ सप्ताह बाद आया है।
ट्रंप ने भी किया था नेतन्याहू को क्षमा करने का आग्रह
इस महीने की शुरुआत में, ट्रंप ने राष्ट्रपति आइजैक हर्ज़ोग को एक पत्र भी भेजा था जिसमें भ्रष्टाचार के मामले को राजनीतिक और गलत अभियोजन बताया गया था। एक वीडियो टेप में, नेतन्याहू ने कहा कि इस मुकदमे ने देश को विभाजित कर दिया है और क्षमादान से राष्ट्रीय एकता बहाल करने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि हफ़्ते में तीन बार अदालत में पेश होने की उनकी अनिवार्यता एक ऐसा ध्यान भटकाने वाला कदम है जिससे उनके लिए देश का नेतृत्व करना मुश्किल हो जाता है।
उन्होंने कहा, "मुकदमे का जारी रहना हमें अंदर से तोड़ देता है, विभाजन करता है और दरार को और गहरा करता है। देश के कई अन्य लोगों की तरह, मुझे भी यकीन है कि मुकदमे के तुरंत निपटारे से सुलह को बढ़ावा मिलेगा, जिसकी हमारे देश को सख्त जरूरत है।’
हालांकि कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि क्षमादान का अनुरोध मुकदमे को नहीं रोक सकता। न्याय मंत्रालय के पूर्व महानिदेशक एमी पामोर ने कहा, ‘यह असंभव है। जब मुकदमा चल रहा हो, तो आप यह दावा नहीं कर सकते कि आप निर्दोष हैं।’ उन्होंने कहा कि मुकदमे को रोकने का एकमात्र तरीका अटॉर्नी जनरल से कार्यवाही रोकने के लिए कहना है।
नेतन्याहू के अनुरोध पर विपक्ष ने तुरंत प्रतिक्रिया व्यक्त की और राष्ट्रपति से उनके अनुरोध को नहीं मानने का आग्रह किया। विपक्षी नेता यायर लापिड ने कहा, "आप उन्हें अपराध स्वीकार किए बिना, पश्चाताप की अभिव्यक्ति के बिना और राजनीतिक जीवन से तत्काल संन्यास लिए बिना क्षमादान नहीं दे सकते।’’

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