ब्रिटेन में दो नाबालिगों के यौन शोषण का मामला: पाकिस्तानी मूल के सात पुरुष दोषी करार, ग्रूमिंग गैंग की बर्बरता उजागर

ब्रिटेन के मैनचेस्टर में शुक्रवार को एक लंबे समय से लंबित यौन उत्पीड़न केस में सात पुरुषों को बलात्कार का दोषी ठहराया गया। मैनचेस्टर मिनशुल स्ट्रीट क्राउन कोर्ट की जूरी ने पाकिस्तान से जुड़े मूल के इन दोषियों को दो नाबालिग स्कूली छात्राओं के यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी पाया।...

ब्रिटेन में दो नाबालिगों के यौन शोषण का मामला: पाकिस्तानी मूल के सात पुरुष दोषी करार, ग्रूमिंग गैंग की बर्बरता उजागर
Published By: Satish Kashyap

Sexual abuse case of two minors in Britain: ब्रिटेन के मैनचेस्टर में शुक्रवार को एक लंबे समय से लंबित यौन उत्पीड़न केस में सात पुरुषों को बलात्कार का दोषी ठहराया गया। मैनचेस्टर मिनशुल स्ट्रीट क्राउन कोर्ट की जूरी ने पाकिस्तान से जुड़े मूल के इन दोषियों को दो नाबालिग स्कूली छात्राओं के यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी पाया। अब इन दोषियों को कई वर्षों की जेल की सजा दी जाएगी। यह मामला 2001 से 2006 के बीच रोचडेल में हुआ, जहां दो नाबालिग लड़कियों को ‘यौन दासियों’ की तरह इस्तेमाल किया गया था।

सरकारी अभियोजकों के अनुसार, दोनों लड़कियों की पारिवारिक परिस्थितियां बेहद कमजोर थीं और उन्हें नशा, आश्रय और अन्य लालच देकर यौन शोषण का शिकार बनाया गया। जूरी ने माना कि लड़कियों का कई सालों तक बेहद खराब परिस्थितियों में अनेक पुरुषों ने यौन शोषण किया।

पीड़िताओं ने बताया कि उनका उत्पीड़न महज 13 साल की उम्र से शुरू हो गया था। उन्हें वाहनों, सुनसान इलाकों, गोदामों और गंदे फ्लैटों में जबरदस्ती यौन गतिविधियों के लिए मजबूर किया गया। ‘गर्ल ए’ ने बताया कि उसका संपर्क नंबर कई लोगों के साथ साझा किया गया था और संभवतः 200 से ज्यादा पुरुषों ने उसका बलात्कार किया। ‘गर्ल बी’ ने कहा कि रोचडेल मार्केट में स्टॉल चलाने वाले तीन पुरुषों ने उसका बार-बार शोषण किया।

सातों दोषियों की पहचान

  • मोहम्मद जाहिद (64): जिसे ‘बॉस मैन’ कहा जाता था, लड़कियों को मुफ्त चीजें देकर उनका भरोसा जीतता और फिर शारीरिक संबंध बनाने को मजबूर करता।

  • मुश्ताक अहमद (67) और कासिर बशीर (50): गर्ल बी के शोषण में शामिल, बशीर फिलहाल फरार है।

  • मोहम्मद शहजाद (44), नाहीम अकरम (48), निसार हुसैन (41): टैक्सी ड्राइवर, गर्ल ए के यौन शोषण में दोषी।

  • रोहीज खान (39): पहले भी एक अन्य केस में सजा काट चुका है।

इनमें से चार का जन्म पाकिस्तान में हुआ, जबकि तीन रोचडेल में पैदा हुए लेकिन पाकिस्तानी मूल के हैं। आठवां आरोपी अरफान खान (40) सबूतों के अभाव में बरी हो गया।

सरकारी वकीलों का पक्ष
सरकारी वकील रोस्सानो स्कामर्डेला ने अदालत में बताया कि पीड़िताओं को नियमित रूप से कई जगहों पर बलात्कार का शिकार बनाया गया। उन्हें अपमानित किया गया, नशे में डुबोया गया और फिर छोड़ दिया गया।

पुलिस और सोशल सर्विसेज ने मांगी माफी
स्थानीय सामाजिक सेवा निदेशक शेरोन हब्बर और पुलिस अधिकारियों ने माना कि सिस्टम की विफलताओं के कारण पीड़िताओं को न्याय मिलने में विलंब हुआ। उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी और भरोसा दिलाया कि आगे ऐसी लापरवाही नहीं होगी।

ग्रूमिंग गैंग की रणनीति
दोषियों ने योजनाबद्ध तरीके से लड़कियों को फंसाया। दुकानों, मार्केट स्टॉल और उपहारों के जरिए उन्हें आकर्षित किया और फिर मानसिक, सामाजिक और नशे के माध्यम से नियंत्रण में रखा।

जातीयता को लेकर बहस
हालांकि आंकड़ों के अनुसार 88% यौन अपराधी श्वेत ब्रिटिश होते हैं, लेकिन हाई-प्रोफाइल मामलों में पाकिस्तानी मूल के आरोपियों की संख्या अधिक रही है, जिससे नस्लीय बहस भी तेज हुई है। कुछ नेताओं ने इसे सामुदायिक पहचान से जोड़ा, जबकि कई विश्लेषकों ने कहा कि यह मामला वर्ग, लैंगिक भेदभाव और सिस्टम की विफलताओं से ज्यादा जुड़ा हुआ है।

जांच और आगे की प्रक्रिया
यह मामला ग्रेटर मैनचेस्टर पुलिस के ऑपरेशन लिटन का हिस्सा है। अब तक 37 लोगों पर मुकदमे चल रहे हैं और आगामी महीनों में पांच और सुनवाई शुरू होने वाली हैं। न्यायाधीश ने दोषियों को सख्त सजा देने के संकेत दिए हैं।

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