सपा के राष्ट्रीय महासचिव ने दिया राम चरित मानस और गीता पर विवादित बयान
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे मंझनपुर विधानसभा के विधायक इंद्रजीत सरोज ने वेद, ग्रंथ, और पुराणों की रचना करने वाले विद्वानों और महत्माओं के लिए अभद्र टिप्पणी की।

कौशांबी/जनमत। उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे मंझनपुर विधानसभा के विधायक इंद्रजीत सरोज ने वेद, ग्रंथ, और पुराणों की रचना करने वाले विद्वानों और महत्माओं के लिए अभद्र टिप्पणी की। इंद्रजीत सरोज ने कहाकि पहले के समय में दलितों को आगे बढ़ाने और पढ़ने का अधिकार नहीं दिया जाता था। महाभारत हो गीता हो या रामचरितमानस हो सुनने और पढ़ने का अधिकार नहीं दिया जाता था। यदि कोई शुद्र बिरादरी का दलित बिरादरी का सुनता था तो उसे प्रताड़ित किया जाता था। कुछ नेता हमारे वोट का सौदा करते हैं और राज पाठ लेकर हेलीकॉप्टर से चलते हैं। यदि भारत के मंदिरों में ताकत होती तो मोहम्मद गोरी ना आया होता, भारत के मंदिरों में ताकत होती तो महमूद गजनवी नही आया होता, और ना भारत को लूट पाते। बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती समारोह को लेकर सपा कार्यालय में हो रहे कार्यक्रम के दौरान इंद्रजीत सरोज ने मंच से यह बयान दिया। इस बयान से सनातन को मानने वाले सनातनियों में भारी आक्रोश व्याप्त है।