कोटा बैराज से छोड़े गए पानी से औरैया में यमुना का जलस्तर पहुंचा खतरे के निशान से ऊपर
कोटा बैराज से छोड़े गए तीन लाख क्यूसेक पानी के बाद यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़कर 113.980 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान 113 मीटर से ऊपर है।
औरैया/जनमत न्यूज। कोटा बैराज से छोड़े गए तीन लाख क्यूसेक पानी के बाद यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़कर 113.980 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान 113 मीटर से ऊपर है। जलस्तर बढ़ने से गौहानी कलां मार्ग पर स्थित रपटा पुल डूब गया, जिससे कई गांवों का संपर्क कट गया है।
यमुना के जलस्तर में वृद्धि से सिकरोड़ी, जुहीखा, बड़ेरा समेत बीहड़ के दर्जनों गांवों में बाढ़ का खतरा गहराने लगा है। निचले इलाकों के लोग प्रभावित हो रहे हैं और प्रशासन ने उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
एसडीएम और बीडीओ ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर राहत चौकियों का निरीक्षण किया और नावों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। प्राथमिक विद्यालय हनुमानगढ़ी में बाढ़ चौकी बनाई गई है, जहां पीने के पानी, बिजली व सफाई की उचित व्यवस्था करने के आदेश दिए गए हैं।
प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को ऊंचे स्थानों पर शरण लेने की हिदायत दी है। बाढ़ की आशंका को देखते हुए राहत और बचाव दलों को अलर्ट पर रखा गया है। यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ने से संभावना जताई जा रही है कि 2019 और 2021 की तरह इस बार भी दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर सकता है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है।

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