रामनगरी अयोध्या की रामलीला में रावण दहन पर संकट, प्रशासन ने लगाया प्रतिबंध

प्रशासन का कहना है कि अयोध्या की परंपरा में रावण दहन नहीं होता। मान्यता है कि जब भगवान राम रावण का अंत करके अयोध्या लौटे थे, तो उन्होंने ब्राह्मणों को दान देकर और सूरजकुंड में स्नान करके ब्रह्महत्या का प्रायश्चित किया था।

रामनगरी अयोध्या की रामलीला में रावण दहन पर संकट, प्रशासन ने लगाया प्रतिबंध
REPORTED BY - AZAM KHAN, PUBLISHED BY - MANOJ KUMAR

अयोध्या/जनमत न्यूज। रामनगरी अयोध्या की बहुचर्चित फिल्मी रामलीला इस बार संकट में पड़ गई है। जिला प्रशासन ने राम कथा पार्क में होने वाले रावण दहन कार्यक्रम पर रोक लगा दी है। उल्लेखनीय है कि 2 अक्टूबर को 240 फीट ऊँचे महा रावण के पुतले के साथ 190 फीट ऊँचे कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले दहन करने की तैयारी थी।

दिल्ली के कलाकारों द्वारा बीते एक माह से इन पुतलों को तैयार किया जा रहा था। आयोजन पर अब तक लाखों रुपये खर्च हो चुके हैं। यह कार्यक्रम राम कथा पार्क में आयोजित होना था, जहाँ हर साल संस्कृति मंत्रालय की ओर से फिल्मी रामलीला पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं।

आयोजक मंडल ने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से पुतला दहन कराने की अनुमति के लिए दरखास्त दी है। हालांकि प्रशासन का कहना है कि अयोध्या की परंपरा में रावण दहन नहीं होता। मान्यता है कि जब भगवान राम रावण का अंत करके अयोध्या लौटे थे, तो उन्होंने ब्राह्मणों को दान देकर और सूरजकुंड में स्नान करके ब्रह्महत्या का प्रायश्चित किया था। इसी कारण यहाँ रावण दहन की परंपरा नहीं है। फिलहाल प्रशासन की रोक के चलते इस बार रामनगरी की रामलीला में रावण दहन पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।