जिलाधिकारी ने किसानों से पराली न जलाने की की अपील

एनआईसी सभागार में आयोजित बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने सभी एसडीएम, तहसीलदार, उप कृषि निदेशक, बीडीओ और अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि पराली जलाने की किसी भी घटना पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

जिलाधिकारी ने किसानों से पराली न जलाने की की अपील
REPORTED BY - SUNIL SHARMA, PUBLISHED BY - MANOJ KUMAR

उरई/जनमत न्यूज।  जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने जनपद के किसानों से अपील की है कि वे पराली न जलाएं और फसल अवशेष प्रबंधन के वैज्ञानिक तरीके अपनाकर पर्यावरण की रक्षा में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से न केवल वायु प्रदूषण बढ़ता है, बल्कि मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी घटती है और फसलों की उत्पादन क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

एनआईसी सभागार में आयोजित बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने सभी एसडीएम, तहसीलदार, उप कृषि निदेशक, बीडीओ और अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि पराली जलाने की किसी भी घटना पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने बताया कि भूमि जोत के अनुसार जुर्माने की राशि तय की गई है जिसमें दो एकड़ तक की भूमि पर ₹5,000, दो से पाँच एकड़ तक पर ₹10,000 व पाँच एकड़ से अधिक भूमि जोत वाले किसानों पर ₹30,000 का जुर्माना लगाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा किसानों को पराली प्रबंधन हेतु आवश्यक उपकरण जैसे हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, रोटावेटर, स्ट्रॉ रीपर आदि रियायती दरों पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इन यंत्रों की मदद से किसान पराली को मिट्टी में मिलाकर जैविक खाद तैयार कर सकते हैं, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता और फसल उत्पादन दोनों में सुधार संभव है।

जिलाधिकारी ने राजस्व, कृषि और पंचायत विभागों को निर्देश दिए कि ग्राम स्तर पर व्यापक जागरूकता अभियान चलाकर किसानों को पराली जलाने के दुष्प्रभाव और वैकल्पिक उपायों की जानकारी दें। उन्होंने चेतावनी दी कि पराली जलाने वाले किसानों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी और दोषी पाए जाने पर जुर्माना लगाया जाएगा।

जिलाधिकारी ने कहा कि किसान हमारे अन्नदाता हैं और पर्यावरण की रक्षा में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि सभी किसान पराली न जलाने का संकल्प लें, तो हम अपने प्रदेश को प्रदूषण मुक्त बनाने में बड़ी सफलता हासिल कर सकते हैं।