KGMU व आलम्बन ट्रस्ट की संयुक्त पहल से अंगदान जागरूकता एवं स्वस्थ भविष्य हेतु योग विषयक कार्यक्रम आयोजित
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU), लखनऊ द्वारा आलम्बन एसोसिएट्स चैरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से “Organ Donation Awareness and Yoga for a Healthier Tomorrow” विषय पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

लखनऊ/जनमत न्यूज। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU), लखनऊ द्वारा आलम्बन एसोसिएट्स चैरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से “Organ Donation Awareness and Yoga for a Healthier Tomorrow” विषय पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम Dean, Student Welfare, KGMU के सहयोग से संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का संचालन स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की प्रोफेसर और आलम्बन ट्रस्ट की सचिव डॉ. सुजाता देव ने किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि "अंगदान और योग दोनों ही जीवन को संवारने वाले विषय हैं, और युवाओं को इससे जोड़ना समय की मांग है।"
मुख्य अतिथि एवं वक्ताओं के विचार:
डॉ. नारायण प्रसाद, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, नेफ्रोलॉजी, SGPGIMS, ने “Organ Donation – A Need of the Hour” पर बोलते हुए कहा कि अंगदान जागरूकता से कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।
डॉ. राजेश हर्षवर्धन, SOTTO के संयुक्त निदेशक ने सरकार की नीतियों व प्रक्रिया की जानकारी दी।
डॉ. विश्वजीत सिंह, प्रोफेसर, यूरोलॉजी, KGMU ने कहा कि कैडेवरिक डोनेशन समाज सेवा का सर्वोत्तम माध्यम है।
श्री संदीप कुमार, अध्यक्ष, आलम्बन ट्रस्ट व पूर्व आयकर आयुक्त ने बताया कि ट्रस्ट स्लम व ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है।
डॉ. आर.ए.एस. कुशवाहा, डीन, छात्र कल्याण व योग विशेषज्ञ, KGMU ने योग के लाभ और रिकवरी में इसके महत्व पर प्रकाश डाला।
पद्मश्री प्रो. सोनिया नित्यानंद, कुलपति, KGMU ने कहा कि "अंगदान मृत्यु के बाद भी जीवन देने का कार्य है और KGMU इस दिशा में सदैव सहयोग करेगा।"
मुख्य अतिथि श्री बृजलाल, सांसद व पूर्व डीजीपी उत्तर प्रदेश ने अपनी किडनी दान का अनुभव साझा करते हुए कहा कि "अंगदान आत्मिक संतोष देता है और यह पूर्णतः सुरक्षित है।"
कार्यक्रम में आलम्बन ट्रस्ट के डॉ. नरेंद्र देव, डॉ. संतोष कुमार, श्री एस.के. शर्मा, डॉ. दीवान, फैसल, कमल बजपई, सौम्या, सृष्टि सहित कई सदस्य शामिल हुए। KGMU के स्टाफ, फैकल्टी और छात्रों ने भी उत्साहपूर्वक सहभागिता निभाई। कार्यक्रम को मीडिया प्रतिनिधियों ने भी कवर किया, जिससे यह जागरूकता समाज के व्यापक वर्ग तक पहुँच सकेगी।