अयोध्या: राम मंदिर पर लहराया धर्म ध्वज; पीएम मोदी बोले- आज संपूर्ण भारत, संपूर्ण विश्व राममय
सियावर रामचंद्र के जयघोष के साथ पीएम मोदी ने अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने कहा आज संपूर्ण भारत, संपूर्ण विश्व राममय है। सदियों के घाव भर रहे हैं।
अयोध्या/जनमत न्यूज़। अभिजीत मुहूर्त के शुभ समय में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवा ध्वज फहराया। अभिजीत मुहूर्त के शुभ समय में श्रीराम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज की स्थापना की गई।
इस दौरान जय श्री राम के जयकारों से पूरा परिसर गूंज उठा। इससे पहले पीएम ने सरसंघचालक के साथ मिलकर सभी मंदिरों में दर्शन-पूजा की।
सियावर रामचंद्र के जयघोष के साथ पीएम का संबोधन
सियावर रामचंद्र के जयघोष के साथ पीएम मोदी ने अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने कहा आज संपूर्ण भारत, संपूर्ण विश्व राममय है। सदियों के घाव भर रहे हैं। सदियो की वेदना आज विराम पा रही है। सदियों का संकल्प आज सि्द्धि को प्राप्त हो रही है। आज धर्म ध्वजा की मंदिर में स्थापना हुई है।
इसका भगवा रंग, सूर्य का चिन्ह, कोविदार वृक्ष राम राज्य की कीर्ति को गाता है। सत्य में ही ध्वज स्थापित है। ये धर्म ध्वज प्रेरणा बनेगा। प्राण जाए पर वचन न जाए, अर्थात जो कहा जाए, वही किया जाए।
हम ऐसा समाज बनाएं, जहां कोई गरीब न हो। कोई पीड़ित ना हो। यह ध्वज युगों युगों तक श्री राम के आदेशों और प्रेरणाओं को मानव मात्र तक पहुंचाएगा। उन्होंने हर दानवीर, श्रमवीर, कारीगर, योजनाकार, वास्तुकार का अभिनंदन किया। यही वह नगरी है, जहां से श्रीराम ने अपना जीवन पथ शुरू किया था।
ध्वज में कोविदारा वृक्ष की छवि के साथ 'ओम' अंकित
राम मंदिर के शिखर पर फराया जाने वाला ध्वज 10 फीट ऊंचा और 20 फीट लंबा, समकोण त्रिभुजाकार है। इस पर एक उज्ज्वल सूर्य की छवि है, जो भगवान श्री राम की प्रतिभा और वीरता का प्रतीक है, साथ ही कोविदारा वृक्ष की छवि के साथ इस पर 'ओम' अंकित है।
आज हम सबके लिए सार्थकता का दिन- मोहन भागवत
इस मौके पर सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा कि आज हम सबके लिए सार्थकता का दिन है। इसके लिए जितने लोगों ने प्राण न्योछावर किए, उनकी आत्मा तृप्त हुई होगी। अशोक जी को वहां पर शांति मिली होगी। आज मंदिर का ध्वजारोहण हो गया।
राम राज्य का ध्वज जो कभी अयोध्या में फहराता था, आज वह फहरा गया है। इस भगवा ध्वज पर रघुकुल का प्रतीक कोविदार वृक्ष है। यह वृक्ष रघुकुल की सत्ता का प्रतीक है। यह वह वृक्ष है जिसके लिए कहा जाता है, कि वृक्ष सबके लिए छाया देते हैं, स्वंय धूप में खड़े रहकर, फल भी दूसरों के लिए देते हैं।
जाते जितनी कठिनाईयां हों, सूर्य भगवान उस संकल्प का प्रतीक है। इसमें सिर्फ एक ही पहिया है। जैसे सपना उन लोगों ने देखा था, बिल्कुल वैसा ही या यूं कहें कि उससे भी भव्य मंदिर बन गया है।
सीएम योगी के संबोधन में दिखी नई उर्जा
इस मौके पर सीएम योगी अदित्यनाथ के संबोधन में एक नई उर्जा दिखाई दी। उन्होंने कहा कि मंदिर के शिखर फहरा रहा यह केसरिया ध्वज नए भारत का प्रतीक है। 500 वर्षों में समय बदला, नेतृत्व बदला, लेकिन आस्था न झुकी, न रुकी। जब आरएसएस के हाथ में कमान आई तो सिर्फ एक ही आवाज गूंजती रही। रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे।

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