Air India Plane Crash: सुप्रीम कोर्ट नाराज, केंद्र सरकार को भेजा नोटिस – ‘ये दुर्भाग्यपूर्ण...’

Air India Plane Crash 2025: अहमदाबाद हादसे में 270 यात्रियों की मौत के 100 दिन बाद भी कारण साफ नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने AAIB रिपोर्ट पर नाराजगी जताई और केंद्र सरकार को नोटिस भेजा।

Air India Plane Crash: सुप्रीम कोर्ट नाराज, केंद्र सरकार को भेजा नोटिस – ‘ये दुर्भाग्यपूर्ण...’
Published By- A.K. Mishra

नई दिल्ली/जनमत न्यूज:- 12 जून 2025 को गुजरात के अहमदाबाद में हुआ भीषण Air India Plane Crash देशभर को झकझोर गया था। इस हादसे में 270 यात्रियों की मौत हो गई थी। हादसे के 100 दिन बाद भी इसकी असली वजह सामने नहीं सकी है। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।

इस मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटेश्व सिंह की बेंच ने कहा कि हादसा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। कोर्ट ने विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्राथमिक जांच रिपोर्ट को गैरजिम्मेदाराना करार दिया। रिपोर्ट में स्पष्ट कारण बताने की बजाय पायलट की गलती और फ्यूल कटऑफ का अंदेशा जताया गया था। सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए दावा किया है कि एयर इंडिया प्लेन क्रैश की जांच में मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है। याचिका में विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए गए हैं।

बता दें कि AAIB ने अपनी रिपोर्ट में 'फ्यूल कटऑफ' होने की वजह से प्लेन क्रैश होने का अंदेशा जताया था। याचिकाकर्ता का पक्ष रखते हुए एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कहा, "एअर इंडिया के विमान बोइंग ड्रीमलाइनर 171 की कमान अनुभवी पायलट्स के हाथ में थी। इस हादसे को 100 दिन पूरे हो चुके हैं। अभी तक सिर्फ प्राथमिक रिपोर्ट ही रिलीज की गई है। इस रिपोर्ट में भी प्लेन क्रैश की वजह साफ नहीं है। इससे साफ है कि बोइंग में सफर करने वाले सभी यात्रियों की जान खतरे में है।"

प्रशांत भूषण के अनुसार, 5 सदस्यों की टीम मामले की जांच कर रही है, जिनमें 3 सदस्य DGCA के हैं। प्लेन क्रैश में DGCA भी जिम्मेदार हो सकती है। ऐसे में इस मामले की निष्पक्ष जांच कैसे होगी?

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। कोर्ट ने मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए केंद्र को सख्त कदम उठाने का आदेश दिया है। AAIB रिपोर्ट पर बात करते हुए जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, "हिस्सों में जानकारी साझा करने की बजाए जब तक जांच पूरी तरह खत्म नहीं हो जाती और कोई निष्कर्ष नहीं निकलता है, तब तक गोपनीयता का खास ख्याल रखा जाना चाहिए।"