कर्मचारी यूनियन ने चीफ पोस्ट मास्टर के खिलाफ खोला मोर्चा
भारतीय डाक और भारतीय रेलवे दो ऐसे विभाग है जो पूरे देश को एक सूत्र में पिरोते है। आज भी सुदूर क्षेत्र में लोग अपनो की चिट्ठियों का इंतजार करते है। सुदूर क्षेत्रों में इन्हीं चिट्ठियों के द्वारा अपने लोगों के सुख दुख को जानने का एक माध्यम है।

कानपुर/जनमत। भारतीय डाक और भारतीय रेलवे दो ऐसे विभाग है जो पूरे देश को एक सूत्र में पिरोते है। आज भी सुदूर क्षेत्र में लोग अपनो की चिट्ठियों का इंतजार करते है। सुदूर क्षेत्रों में इन्हीं चिट्ठियों के द्वारा अपने लोगों के सुख दुख को जानने का एक माध्यम है।
बतादें कि कानपुर का मुख्य डाक घर उस समय चर्चा में आ गया जब यहां के कर्मचारी यूनियन ने अपने ही चीफ पोस्ट मास्टर मिस्टर दास के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मोर्चा ही नहीं खोला बल्कि उन्हें के कमरे में बंधक बनाकर उग्र प्रदर्शन किया।
यूनियन के नेताओं का आरोप है कि चीफ पोस्ट मास्टर अपने कर्मचारियों के साथ आपत्तिजनक शब्दावली का प्रयोग करते है एवं उनका मानसिक उत्पीड़न कर उनके सम्मान को क्षति पहुंचा रहे है। इसी से आहत होकर कर्मचारी गण आज विरोध दर्ज करते हुए काम बंद कर दिया।
वहीं दूसरी ओर चीफ पोस्ट मास्टर ने हमारे संवाददाता से वार्ता के दौरान बताया कि कर्मचारी गण उस जनता को परेशान करते है जिनकी मेहनत की कमाई से चुकाए हुए tex से हम लोगों को वेतन मिलता है। चीफ पोस्टमास्टर ने डाकघर परिसर में शराब की बोतले मिलने का दावा किया।
चीफ पोस्ट मास्टर के अनुसार डाकघर उनके लिए मंदिर के सामान है और वह इस तरह का कोई भी आचरण परिसर में बर्दाश्त नहीं करेंगे। जो भी कर्मचारी इन गतिविधियों में संलिप्त पाए जाएंगे, उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी। हालांकि दोनों पक्षों में चार सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल के साथ बातचीत होना तय हो गया है। अब देखना यह होगा कि इस बातचीत का क्या नतीजा निकलता है।
REPORTED BY - ALOK SHARMA
PUBLISHED BY - MANOJ KUMAR