ग्राम प्रधान की उपेक्षा और उत्पीड़न से क्षुब्ध युवक ने लगाई छलांग, ग्रामीणों व पुलिस की तत्परता से बची जान
ग्राम पंचायत देवरिया जंगली निवासी राम अचल (40) पुत्र बरसाती लंबे समय से विकास कार्यों को लेकर ग्राम प्रधान से गुहार लगा रहा था। उसका आरोप है कि गांव में विकास योजनाओं की उपेक्षा की जा रही है

बलरामपुर/जनमत न्यूज। जनपद बलरामपुर के देवरिया जंगली ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान और उनके प्रतिनिधियों के रवैये से क्षुब्ध होकर एक युवक ने सरयू नहर में छलांग लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया। गनीमत रही कि मौके पर मौजूद ग्रामीणों और पुलिस की सतर्कता से युवक की जान बच गई। उसे गंभीर हालत में सीएचसी उतरौला ले जाया गया, जहां अब उसकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, ग्राम पंचायत देवरिया जंगली निवासी राम अचल (40) पुत्र बरसाती लंबे समय से विकास कार्यों को लेकर ग्राम प्रधान से गुहार लगा रहा था। उसका आरोप है कि गांव में विकास योजनाओं की उपेक्षा की जा रही है और उसकी बार-बार की मांगों को अनसुना किया जा रहा है। इसी उपेक्षा और कथित उत्पीड़न से परेशान होकर वह कई दिनों से मानसिक तनाव में था।
घटना से पहले राम अचल ने इंटरनेट मीडिया और कुछ मीडियाकर्मियों को वीडियो संदेश भेजा, जिसमें उसने ग्राम प्रधान, उनके प्रतिनिधियों और सहयोगियों पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। उसने गांव के पूर्व प्रधान और उनके भाई पर घर का पानी निकास रोकने और जानबूझकर परेशान करने की शिकायत भी की।
हताश होकर उसने बरमभारी सरयू नहर पुल से छलांग लगा दी। मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने शोर मचाया और पुलिस को सूचना दी। तत्परता दिखाते हुए ग्रामीणों और पुलिस ने लगभग 500 मीटर दूर गोकुली गांव के सामने से उसे बाहर निकाला।
सीएचसी उतरौला के चिकित्सा अधिकारी डॉ. योगेन्द्र कुमार ने बताया कि राम अचल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और फिलहाल उसकी हालत खतरे से बाहर है। इधर, घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, हालांकि अभी तक विवाद के समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
इस घटना ने न केवल ग्राम पंचायत स्तर पर विकास कार्यों की उपेक्षा के मुद्दे को उजागर किया है, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया है कि जिम्मेदारों की उदासीनता कभी-कभी लोगों को किस हद तक निराशा में धकेल देती है।