रायबरेली फ्लाइओवर बना मौत का जाल, पुल पर अचानक बड़ा छेद, स्थानीय लोगों की सतर्कता से टली बड़ी त्रासदी

14 साल में ही जर्जर हुआ करोड़ों की लागत का पुल, मरम्मत के बावजूद बार-बार सामने आ रही खामियां, घटिया निर्माण और लापरवाही पर उठे सवाल, जिम्मेदार अफसरों और ठेकेदारों पर कार्रवाई की मांग तेज

रायबरेली फ्लाइओवर बना मौत का जाल, पुल पर अचानक बड़ा छेद, स्थानीय लोगों की सतर्कता से टली बड़ी त्रासदी
REPORTED BY - MAHATAB KHAN, PUBLISHED BY - MANOJ KUMAR

रायबरेली/जनमत न्यूज। शहर के गल्ला मंडी से जहानाबाद चौकी को जोड़ने वाले फ्लाइओवर पर मंगलवार सुबह बड़ा हादसा टल गया। पुल पर अचानक एक बड़ा होल नजर आया, जो वाहनों की आवाजाही से और फैलता जा रहा था। गनीमत रही कि स्थानीय लोगों ने तत्काल ईंट-पत्थर लगाकर राहगीरों को सचेत कर दिया, वरना कोई गंभीर दुर्घटना हो सकती थी।

फ्लाइओवर के नीचे जाकर जब स्थानीय लोगों ने स्थिति देखी तो हकीकत और भी खतरनाक थी। प्लास्टर का बड़ा हिस्सा उखड़ चुका था और आर-पार छेद साफ नजर आ रहा था। लोगों में डर और गुस्सा दोनों देखने को मिला। सवाल उठने लगा कि आखिर मायावती शासनकाल में महज 14 साल पहले बने इस पुल की हालत इतनी जल्दी खस्ताहाल कैसे हो गई?

यह पहली बार नहीं है जब इस फ्लाइओवर की सुरक्षा पर सवाल उठे हों। करीब दस महीने पहले भी लंबे समय तक इसे बंद रखकर मरम्मत कराई गई थी, लेकिन सुधार स्थायी साबित नहीं हुआ। मरम्मत के बाद भी खामियां जस की तस बनी हुई हैं।

स्थानीय लोगों ने साफ कहा कि घटिया निर्माण और लगातार हो रही लापरवाही से करोड़ों की लागत वाला यह फ्लाइओवर आज ‘मौत का जाल’ बन चुका है। उनका आरोप है कि जब-जब मरम्मत की जाती है, तब-तब सिर्फ दिखावा होता है। लेकिन जनता की जान से जुड़े इस मुद्दे पर न तो कोई ठोस कार्रवाई होती है और न ही जिम्मेदार अफसरों व ठेकेदारों पर कोई कार्रवाई की जाती है।

अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर कब तक मरम्मत और लीपापोती के नाम पर जनता की जान से खिलवाड़ होता रहेगा और कब तक इस तरह की लापरवाहियों पर पर्दा डाला जाएगा।