लोकतंत्र के लिए खतरा है SIR, छीनेगा वोट का अधिकार; संसद सत्र से पहले विपक्ष ने जताए इरादे
संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। इसके लिए सत्तापक्ष और विपक्ष के नेता संसद में पहुंचने लगे हैं।
नई दिल्ली/जनमत न्यूज़। संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। इसके लिए सत्तापक्ष और विपक्ष के नेता संसद में पहुंचने लगे हैं। इस बीच विपक्षी नेताओं ने साफ संकेत दिए हैं कि वे चुनाव आयोग की ओर से चलाए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ हैं और इसका तीखा विरोध करेंगे।
इन दलों ने संसद भवन में भी इसे उठाने की बात कही है और सत्र हंगामेदार रहने के पूरे आसार हैं। इस बीच समाजवादी पार्टी के अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि पूरी विपक्ष इस पर मिलकर संसद में सवाल उठाएगा। अवधेश प्रसाद ने कहा कि भाजपा सरकार SIR के जरिए लोगों से उनका वोट करने का अधिकार ही छीनने की कोशिश में है।
अवधेश प्रसाद ने कहा कि SIR सबसे बड़ा मुद्दा है और यह लोकतंत्र एवं संविधान के लिए खतरा है। वोट के अधिकार से बढ़कर तो कुछ भी नहीं है। भाजपा सरकार चाहती है कि SIR के जरिए लोगों का वोट डालने का अधिकार ही छीन लिया जाए।
उन्होंने कहा कि यह देखा जा सकता है कि पार्टी लाइन के आधार पर BLO की नियुक्ति की गई है। इनमें से ज्यादातर लोग भाजपा के कार्यकर्ताओं को ही फॉर्म दे रहे हैं। SIR की डेडलाइनको बढ़ा भी दिया गया है, लेकिन कितने बीएलओ तो ऐसे हैं, जिन्होंने जान ही दे दी। पूरा विपक्ष इस मामले को एकजुटता के साथ संसद में उठाएगा।
ऐसे ही सुर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के भी दिखे हैं। उन्होंने कहा कि यदि लोकतंत्र ही नहीं है तो फिर संसद के भी क्या मायने रह जाते हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव सुधारों के नाम पर सरकार और निर्वाचन आयोग मिलकर लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश में हैं। उन्होंने कहा कि संविधान में सीमाएं रहीं है, लेकिन उन्हें खत्म किया जा रहा है।
इमरान मसूद ने कहा कि ऐसा इसलिए ताकि कोई संतुलन ना रहे और चेक एंड बैलेंस की स्थिति को खत्म किया जाए। ऐसी स्थिति बनाई जा रही है कि कोई FIR ना करा सके। अदालत ना जा सके और इनके खिलाफ कोई कुछ करने की स्थिति में ना रहे।
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी पूरी ताकत से यह मसला उठाएगी। उन्होंने कहा कि आखिर चुनाव आय़ोग क्यों नहीं बताता कि 46 लाख वोटरों के नाम कैसे कट गए और वे लोग कहां चले गए। सपा के राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने तो साफ कहा कि जब तक SIR पर चर्चा नहीं होगी, तब तक संसद को चलने नहीं दिया जाएगा।

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