सोनम वांगचुक की हिरासत पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र और लद्दाख प्रशासन को नोटिस जारी
सुप्रीम कोर्ट ने सोनम वांगचुक की एनएसए के तहत हिरासत पर केंद्र, लद्दाख प्रशासन और जोधपुर जेल से जवाब मांगा है। अगली सुनवाई अगले मंगलवार को होगी।
नई दिल्ली/जनमत न्यूज़:- सुप्रीम कोर्ट ने लद्दाख के जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) के तहत की गई हिरासत पर गंभीर रुख अपनाते हुए सोमवार को केंद्र सरकार, लद्दाख प्रशासन और जोधपुर जेल को नोटिस जारी किया है। अदालत ने इन सभी से जवाब मांगा है।
यह मामला न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ के समक्ष आया। याचिका गीतांजलि जे. अंगमो, यानी सोनम वांगचुक की पत्नी, द्वारा दायर की गई थी। उन्होंने वांगचुक की एनएसए के तहत हिरासत को गैरकानूनी बताते हुए उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है।
सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को हिरासत में लिया गया था, जब लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों में हिंसा हुई थी। इस दौरान 5 लोगों की मौत और 90 से अधिक घायल हुए थे।
अदालत में याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और विवेक तन्खा, जबकि केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। सिब्बल ने दलील दी कि सरकार ने वांगचुक की हिरासत के आधार परिवार को नहीं बताए, जिससे कानूनी रूप से अपील करना असंभव हो गया है।
सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा कि आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराए जा चुके हैं और बंदी को कानूनन अधिकारों के तहत सभी जानकारी दी गई है। हालांकि, पीठ ने कहा कि वह इस पर अगली सुनवाई (अगले मंगलवार) को विचार करेगी।
सिब्बल ने यह भी बताया कि वांगचुक को दवाइयों की जरूरत है और अब तक उनकी पत्नी को उनसे व्यक्तिगत मुलाकात की अनुमति नहीं मिली है। अदालत ने निर्देश दिया कि हिरासत में रखे गए व्यक्ति को स्वास्थ्य सुविधाएँ और परिवार से मुलाकात का अधिकार सुनिश्चित किया जाए।
गौरतलब है कि लद्दाख प्रशासन ने हाल में कहा था कि वांगचुक के खिलाफ जासूसी या देशविरोधी गतिविधियों के आरोप बेबुनियाद हैं। वहीं, वांगचुक की पत्नी ने कहा कि हिरासत आदेश की प्रति न देना एनएसए नियमों का उल्लंघन है।

Janmat News 
