सुप्रीम कोर्ट का आदेश बेअसर, बिना पूर्व सूचना के फिर चला बुलडोजर ,अली मियां कॉलोनी के पास शब्बागी कालोनी का मामला
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना करते हुए नगर पालिका परिषद पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का आरोप लगाते हुए पीड़ित ने जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित के अनुसार ध्वस्तीकरण की यह करवाई बिना पूर्व सूचना के मंगलवार को की गई है।

रायबरेली(जनमत): सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना करते हुए नगर पालिका परिषद पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का आरोप लगाते हुए पीड़ित ने जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित के अनुसार ध्वस्तीकरण की यह करवाई बिना पूर्व सूचना के मंगलवार को की गई है। विवरण के अनुसार रायबरेली लखनऊ मार्ग पर अली मियां कॉलोनी के सामने अखलाक अहमद की भूमधरी जमीन है। जिस पर उन्होंने तीन दुकानें बनवा रखी थी। पीड़ित का कहना है कि मंगलवार की सुबह कुछ लोग आए और दुकान को राजमार्ग की परिधि में बताते हुए कोई नया निर्माण न किए जाने की बात कही थी। उसके बाद प्रशासन के लोग चले गए। लेकिन अचानक दोपहर के बाद प्रशासन की टीम बुलडोजर के साथ फिर से पहुंच गई और भवन स्वामी की गैर मौजूदगी में बुलडोजर चलाकर तीनों दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया। बाद में जब पीड़ित मौके पर पहुंचा तो वहां उसे दुकान की जगह पर मलबे का ढेर मिला।
इस संबंध में जब उन्होंने मौके पर मौजूद नगर पालिका कर्मचारियों से दुकान तोड़े जाने का कारण पूछा तो वह कुछ भी बताने को तैयार नहीं हुए। इस पूरी घटना को लेकर पीड़ित भवन स्वामी के साथ-साथ आसपास के लोग भी हतप्रभ हैं। नागरिकों का कहना है कि आखिर इतनी बड़ी कार्रवाई से पहले प्रशासन को कम से कम कोई नोटिस जरूर जारी करनी चाहिए थी। अचानक से बुलडोजर लाकर किसी की दुकान या फिर मकान को ध्वस्त किया जाना न्याय व्यवस्था में स्वीकार नहीं है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट लगातार उत्तर प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहा है। इन सबके बावजूद प्रशासन द्वारा बिना पूर्व सूचना के बुलडोजर की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का मखौल उड़ाने के समान देखी जा रही है। हालांकि इस संबंध में जब नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष सत्रोहन सोनकर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। नगर पालिका की तरफ से इस तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। उन्होंने कहा कि कई बार प्रशासन के लोग कार्रवाई के लिए नगर पालिका के संसाधनों का प्रयोग करते हैं। फिर भी अगर कहीं कोई नगर पालिका की तरफ से इस तरह की कार्रवाई हुई है तो उन्होंने जानकारी करने की बात कही है। दूसरी तरफ पीडब्ल्यूडी के जेई और तहसील प्रशासन से तहसीलदार सदर को फोन कर जब इस विषय पर जानकारी लेनी चाही गई तो इन दोनों अधिकारियों का फोन रिसीव नहीं हुआ।
Reported By: Mahtab Khan
Published By: Satish Kashyap