स्कूल फीस और दुकानों की मनमानी पर कांग्रेस कमेटी की शिकायत

अयोध्या जिला कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष चेतनारायण सिंह व महानगर अध्यक्ष सुनील कृष्णा गौतम उर्फ रानू के नेतृत्व मे निजी विद्यालयों की मनमानी को लेकर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को जिलाधिकारी के माध्यम से संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को दिया।

स्कूल फीस और दुकानों की मनमानी पर कांग्रेस कमेटी  की शिकायत
Reported By: Azam Khan

अयोध्या (जनमत):अयोध्या जिला कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष चेतनारायण सिंह व महानगर अध्यक्ष सुनील कृष्णा गौतम उर्फ रानू के नेतृत्व मे निजी विद्यालयों की मनमानी को लेकर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को जिलाधिकारी के माध्यम से संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को दिया। जिला कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष व महानगर अध्यक्ष ने बताया निजी स्कूलो मे मन मानी चल रही है इसके विरोध में आज हम लोगों ने अपनी मांगों का ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को दिया है।उत्तर प्रदेश के सभी स्कूलों में नये सत्र का प्रवेश प्रारम्भहा चुका है। उत्तर प्रदेश के निजी स्कूल पूरी तरह से मनमानी पर उतारू हो चुके हैं। और सभी निजी विद्यालय को उन्होंने लूट का अड्डा बना दिया है।वो न सिर्फ मनमानी फीस वृद्धि कर रहे हैं बल्कि अपने द्वारा बतायी गयी दुकानों से ही कॉपी किताबें और यूनिफॉर्म, जूते मनमाने दामों पर खरीदने के लिए अभिभावको पर दबाव बना रहे है। इस भीषण महंगाई में जहाँ एक तरफ अभिभावकों के लिए अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा है। वहीं स्कूलों के इस लूट तंत्र के कारण वे घनघोर मानसिक प्रताणना से गुजर रहे हैं। निजी स्कूलों का यह आचरण न लोकतंत्र और न ही कल्याणकारी राज्य के सिद्धान्तों के अनुकूल है।वही कहा कि कांग्रेस पार्टी निजी स्कूलों के इस निंरकुश और शोषक प्रवृत्ति की घोर भर्त्सना करती है।और सरकार से मांग करती है कि इस तरह लूट पाट मचाने वाले निजी विद्यालय पर सरकार नेकल कसे और एक सरकारी ऑडिट सभी निजी विद्यालय में कराये। ताकि विद्यालय की मनमानी खत्म हो और और सभी अभिभावकों को किसी तरह की कोई समस्या ना हो।

वही बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष राय ने कहा कि सभी प्राइवेट स्कूल के लिए बहुत स्पष्ट गाइडलाइन है। की आरटीई एक्ट के इंप्लीकेशन के लिए के लिए एक गाइडलाइन जारी हुई है जिसके अंतर्गत वह लोग मान्यता लेते हैं और निजी विद्यालय जो मान्यता की शर्ते हैं उसको मानने के लिए बाध्य है और जो भी विद्यालय मान्यता की शर्तों को नहीं मानेगा। उसकी मान्यता को हटाने के लिए कार्यवाही जारी की जाएगी फीस वृद्धि और पार्टिकुलर दुकानों से सामान खरीदने के लिए भी एक गाइड लाइन जारी की गई है। विद्यालय को अपने हर साल के आए और व्यय का लेखा-जोखा देना होगा जिसकी शर्तों पर वह हर साल 10% से ज्यादा फीस नहीं ले सकते हैं।अभिभावकों से 3 वर्ष के बाद ही फीस में वृद्धि की जा सकती है। कोई भी स्कूल अपने कैंपस में ना तो किताबें और ना ही ड्रेस का विक्रय कर सकता है। और ना ही कोई एक पार्टिकुलर शॉप से लेने के लिये कह सकता है। अगर हमें ऐसी कोई शिकायत मिलेगी तो हम उसे विद्यालय के ऊपर कठोरकार्यवाही करेंगे। सभी अभिभावक स्वतंत्र है बच्चों का यूनिफॉर्म लेने के लिए और ड्रेस लेने के लिए।

Published By: Satish Kashyap