पेट्रोल-डीजल चोरी का एसटीएफ ने किया बड़ा खुलासा, स्थानीय पुलिस को नहीं लगी भनक
कालपी क्षेत्र में एसटीएफ लखनऊ और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में पेट्रोल-डीजल चोरी के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है।
जालौन/जनमत न्यूज। कालपी क्षेत्र में एसटीएफ लखनऊ और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में पेट्रोल-डीजल चोरी के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। यह कार्रवाई 23 जुलाई को जोल्हूपुर मोड़ के पास स्थित केएनसी विद्यालय के बगल में बनाए गए एक अस्थायी गोदाम में की गई।
छापेमारी के दौरान दो टैंकर, 53,000 लीटर डीजल और 1,150 लीटर पेट्रोल जब्त किया गया। साथ ही बड़ी मात्रा में पाइप, मास्टर चाभियां, मोबाइल फोन, और 54,000 रुपये नगद भी बरामद किए गए।
गिरफ्तार आरोपियों में राहुल (ड्राइवर), रिंकू कुमार (खलासी), अकील अहमद (ड्राइवर), तौहीद खां (खलासी), रामबाबू (मजदूर), मुसरत अली उर्फ मुन्ना (गोदाम ऑपरेटर) और शिवा सिंह चौहान (गोदाम सह-प्रबंधक) शामिल हैं। गिरोह के तीन मुख्य आरोपी राजकुमार उर्फ राजू, शैलेन्द्र और संदीप फरार हैं।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि गिरोह पेट्रोलियम कंपनियों के टैंकर ड्राइवरों से मिलीभगत कर टैंकरों से तेल चोरी करता था। मास्टर चाभियों की मदद से टैंकरों के नोजल लॉक खोले जाते थे और रोजाना 10-15 टैंकरों से 50-100 लीटर तक तेल चुराकर 65-75 रुपये प्रति लीटर की दर से बेचा जाता था।
शिवा सिंह के घर से 750 लीटर पेट्रोल भी बरामद हुआ है। आरोपियों पर पेट्रोलियम एक्ट 1934 की धारा 23 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। जब्त किए गए टैंकरों को नवीन गल्ला मंडी कालपी में रखा गया है।
सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि 500 मीटर दूरी पर पुलिस चौकी और एक किलोमीटर पर कोतवाली होने के बावजूद स्थानीय पुलिस को इसकी भनक तक क्यों नहीं लगी? क्या पुलिस की मिलीभगत थी या जानबूझकर इस अवैध कारोबार को बढ़ावा दिया जा रहा था?
फिलहाल, स्थानीय पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कुछ पुलिस कर्मियों की संलिप्तता की आशंका भी जताई जा रही है, जिसकी जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी।

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