हरदोई में पुलिस लाइन के अंदर चोरी, थानाध्यक्ष के घर से 35 लाख के जेवर गायब, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
हरदोई/जनमत न्यूज। जनपद की पुलिस सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल तब खड़ा हो गया जब सवायजपुर थानाध्यक्ष प्रिंस कुमार के सरकारी आवास से चोरों ने लाखों के जेवरात चोरी कर लिए। यह घटना किसी आम मोहल्ले की नहीं, बल्कि कड़ी सुरक्षा वाले पुलिस लाइन परिसर की है, जहां चोर बिना किसी डर के अंदर घुस आए और वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए।
घटना 9 नवंबर की बताई जा रही है, जिसकी रिपोर्ट मंगलवार को शहर कोतवाली में दर्ज की गई। थानाध्यक्ष प्रिंस कुमार का आवास पुलिस लाइन में स्थित है, जो अधिकतर समय बंद रहता है। बीते दिन जब वह सर्दी की वर्दी लेने पहुंचे तो देखा कि कमरों के ताले टूटे पड़े हैं और बक्से व अलमारियां खुली हुई हैं। जांच में पता चला कि चोर पीछे की दीवार फांदकर अंदर घुसे थे।
चोरी गए सामान में सोने का हार, चेन, अंगूठी, चूड़ी, कंगन, मंगलसूत्र, मांग टीका और नथ समेत लगभग 20 लाख रुपये के जेवर शामिल हैं। इसके अलावा, उनकी पत्नी के परिजनों से मिले 15 लाख रुपये मूल्य के उपहार भी चोरी हो गए।
पुलिस लाइन जैसी सुरक्षित जगह पर चोरी होना विभागीय लापरवाही को उजागर करता है। सवाल उठ रहा है कि उस समय गेट पर तैनात सिपाही और दीवान क्या कर रहे थे। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने गेट नंबर दो पर तैनात दीवान श्रवण कुमार पांडेय, सिपाही स्वर्णलेश, सतेंद्र कुमार और आजाद को निलंबित कर दिया। उन्होंने माना कि अपरिचित व्यक्तियों का विवरण रजिस्टर में दर्ज नहीं किया गया था।
शहर कोतवाल संजय त्यागी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और जल्द ही खुलासा किया जाएगा। हालांकि, जनता अब यह पूछ रही है कि जब पुलिस लाइन में कैमरे और गार्ड मौजूद थे, तो चोरी आखिर हुई कैसे? क्या कैमरे बंद थे या सुरक्षा कर्मी लापरवाह?
यह घटना न केवल पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगाती है, बल्कि जनता के विश्वास पर भी चोट करती है। अगर पुलिस अपने आवास की रक्षा नहीं कर पा रही, तो आम नागरिक अपनी सुरक्षा किससे उम्मीद करें? यह केवल चोरी नहीं, बल्कि पुलिस की विश्वसनीयता पर गंभीर आघात है।

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