आंदोलन की राह पर उत्तर प्रदेश डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन

डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश शासन एवं महानिदेशालय के अधिकारियों की उदासीनता के चलते आंदोलन के रास्ते पर जाने के लिए मजबूर हो गया है। डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष संदीप बडोला एवं महामंत्री राजेंद्र कुमार सिंह पटेल ने कहा कि पिछले लंबे समय से संगठन प्रदेश के फार्मासिस्टों की समस्याओं से माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी, शासन एवं महानिदेशालय के अधिकारियों को अवगत करा रहा है |

आंदोलन की राह पर उत्तर प्रदेश डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन

लखनऊ (जनमत) :- डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश शासन एवं महानिदेशालय के अधिकारियों की उदासीनता के चलते आंदोलन के रास्ते पर जाने के लिए मजबूर हो गया है। डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष संदीप बडोला एवं महामंत्री राजेंद्र कुमार सिंह पटेल ने कहा कि पिछले लंबे समय से संगठन प्रदेश के फार्मासिस्टों की समस्याओं से  मुख्यमंत्री जी, स्वास्थ्य मंत्री , शासन एवं महानिदेशालय के अधिकारियों को अवगत करा रहा है ,परंतु अधिकारियों की उदासीनता के चलते किसी भी समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा की प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण चिकित्सालय में कार्यरत फार्मासिस्ट प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था की रीढ़ के रूप में कार्य कर रहे हैं परंतु विगत कई वर्षों से संवर्ग की लंबित समस्याओं को समाधान होना तो दूर शासन स्तर पर एक भी द्विपक्षीय वार्ता तक आयोजित नहीं हुई है। जिस कारण फार्मासिस्ट संवर्ग में समस्याओं का अंबार लग गया है  जिससे फार्मासिस्टों में अत्यधिक रोष व्याप्त हो रहा है ।


    उन्होंने कहा की पदनाम परिवर्तन जैसी गैर वित्तीय मांग भी लंबे समय से लंबित चल रही है। पदनाम परिवर्तन पर  मुख्यमंत्री जी, स्वास्थ्य मंत्री जी के सहमत होने के बाद भी एवं प्रदेश के लगभग 250- 300  विधायकों एवं सांसदों द्वारा फार्मेसी संवर्ग के पद नाम परिवर्तन हेतु सरकार को पत्र लिखे जाने के बाद भी फार्मासिस्ट संवर्ग के पदनाम परिवर्तन आज तक नहीं किए गए। वेतन उच्ची करण ,पदों के सृजन के मानकों में संशोधन की मांग लंबे समय से लंबित है। सरकार के निर्देश पर प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 24 घंटे संचालित हो रहे हैं जहां फार्मासिस्ट के मात्र दो पद हैं।वर्तमान में सामुदायिक स्वास्थ्य केदो में 800 से 1000 मरीज प्रतिदिन आते हैं जहां औषधि भंडारण, औषधि वितरण, इंजेक्शन, ए आर बी ,ड्रेसिंग, प्लास्टर, पोस्टमार्टम, वीआईपी ड्यूटी सहित 24 घंटे इमरजेंसी ड्यूटी मात्र दो फार्मासिस्ट किस प्रकार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 के बाद से नियुक्त फार्मासिस्टों की वरिष्ठता सूची विभाग पिछले 20 सालों में नहीं बन पाया। उच्च पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया लंबे समय तक नहीं की जाती है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कर्मचारियों को दी जाने वाली सुविधाएं समय पर नहीं दी जा रही हैं ।फार्मासिस्टों का नियुक्ति अधिकारी जनपदीय अधिकारी सीएमओ एवं सीएमएस होते हैं एवं शासनादेश अनुसार फार्मासिस्टों को मिलने वाली ए सी पी जनपदीय अधिकारियों द्वारा प्रदान की जाती रही है परंतु दिनांक 4 दिसंबर 2023 को तत्कालीन महानिदेशक द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से शासनादेश का ही अतिक्रमण कर दिया एवं फार्मेसी संवर्ग की ए सी पी अनुमोदन हेतु महानिदेशालय भेजने का आदेश जारी कर दिया जिस कारण फार्मासिस्टों के ए सी पी के प्रकरण पिछले एक-एक वर्ष से लंबित पड़े हैं, जिस कारण उनका आर्थिक नुकसान हो रहा है और सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधा का लाभ फार्मेसी संवर्ग को नहीं मिल पा रहा है ।


         उन्होंने कहा कि सरकार के मान्यता प्राप्त संगठनों से समय-समय पर वार्ता करने के और उनकी समस्याओं के निराकरण करने के अनेकों आदेशों के बाद भी पिछले लगभग 5 वर्षों से शासन व महानिदेशालय स्तर पर संगठन की वार्ता नहीं हो रही है जिस कारण वित्तीय एवं गैर वित्तीय समस्याओं का एवं जनहित से जुड़ी हुई मांगों का अंबार लग गया है। सरकार के निर्देशों का पालन अधिकारी नहीं कर रहे हैं जिसके कारण कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ रहा है।
      उन्होंने कहा कि अधिकारियों की उदासीनता के चलते डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन आंदोलन के रास्ते पर है उन्होंने कहा कि खेद का विषय है कि 20 दिसंबर 2024 को प्रदेश के प्रत्येक जनपद मुख्यालय में फार्मेसिस्ट संवर्ग द्वारा धरना देकर माननीय मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन भिजवाए एवं दिनांक 22 दिसंबर से 25 दिसंबर 2024 तक प्रदेश भर के 250_ 300 माननीय सांसदों एवं विधायकों के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन भिजवाने का कार्य किया गया एवं दिनांक 3 जनवरी 2025 को प्रदेश के प्रत्येक मंडल मुख्यालय पर फार्मेसी संवर्ग द्वारा धरना देकर माननीय मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन भेजा गया लेकिन इसके बाद भी शासन एवं महानिदेशालय द्वारा समस्याओं के निराकरण का कोई प्रयास नहीं किया गया ।उन्होंने कहा की मजबूर होकर आंदोलन के चौथे चरण में प्रदेश भर के फार्मेसिस्ट संवर्ग के अधिकारी व कर्मचारी दिनांक  31 जनवरी 2025 को महानिदेशालय, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें उत्तर प्रदेश लखनऊ पर धरना देकर प्रदर्शन करेंगे एवं वहीं पर अग्रिम आंदोलन की घोषणा की जाएगी ।


     प्रदेश अध्यक्ष व प्रदेश महामंत्री ने प्रदेश के यशस्वी माननीय मुख्यमंत्री जी से अपील की कि शासन एवं महानिदेशालय के अधिकारियों को फार्मासिस्टों की समस्याओं का निराकरण कराए जाने के निर्देश जारी करने की कृपा करें जिससे फार्मासिस्टों को कार्य बहिष्कार एवं हड़ताल जैसे आंदोलन के लिए बाध्य ना होना पड़े। प्रेस वार्ता में प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष उमेश मिश्रा, प्रदेश उपाध्यक्ष सालिगराम त्रिपाठी ,कोषाध्यक्ष  अजय पांडे, संरक्षक आर एन डी द्विवेदी ,प्रवक्ता एस एम त्रिपाठी, कार्यालय सचिव शंकर पटेल, लखनऊ मंडल के अध्यक्ष सुशील त्रिपाठी, मनमोहन मिश्रा एवं विवेक श्रीवास्तव उपस्थित रहे।

Special Report- Abhilash Bhatt