चकाचौंध की दुनिया में कार के बजाय बैलगाड़ी से विदाई कराने की अनोखी शादी

बदलते समय के साथ लोग काफी आधुनिक हो गए हैं. चकाचौंध की दुनिया में जानवरों की सवारी खत्म हो गई है. फरारी और वैग्नार के जमाने में लोग थोड़ी दूर भी पैदल चलना नहीं पसंद करते लेकिन हमीरपुर जनपद के राठ कस्बे से एक ऐसी खबर सामने आई है

चकाचौंध की दुनिया में कार के बजाय बैलगाड़ी से विदाई कराने की अनोखी शादी

हमीरपुर (जनमत):- बदलते समय के साथ लोग काफी आधुनिक हो गए हैं. चकाचौंध की दुनिया में जानवरों की सवारी खत्म हो गई है. फरारी और वैग्नार के जमाने में लोग थोड़ी दूर भी पैदल चलना नहीं पसंद करते लेकिन हमीरपुर जनपद के राठ कस्बे से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे सुन और देख लोग काफी हैरान हो रहे हैं. कि कोई कैसे इस चकाचौंध की दुनिया में अपनी शादी के दौरान कोई लग्जरी कार से नहीं बल्की बैलगाड़ी से विदाई करा सकता है. जी हां विस्कुल सही सुन रहे हैं आप हमीरपुर कस्बे के चरखारी रोड निवासी राजीव द्विवेदी एक किसान है. उन्होंने अपने पुत्र विवेक द्विवेदी की शादी जनपद महोबा के सूपा गांव निवासी राकेश शुक्ला की पुत्री रोहिणी के साथ तय की थी.

 कन्या पक्ष के लोगों ने कस्बे में आकर गेस्ट हाउस में शादी संपन्न कराने के लिए इंतजाम किए थे. बैंडबाजे के साथ बारात गेस्ट हाउस पहुंची, जहां बारातियों का जोरदार स्वागत और सत्कार किया गया. द्वारचार के बाद वरमाला की रस्में की गईं. बाद में शादी के मंडप में दूल्हे ने दुल्हन के साथ सात फेरे लिए. शादी संपन्न होने के बाद विदाई की बेला आई तो दूल्हे ने लक्जरी कार से विदाई कराने से साफ इंकार कर दिया. उसने दुल्हन पक्ष के लोगों से कहा कि पिता की इच्छा है कि पुरानी परम्परा के तहत बैलगाड़ी से ही दुल्हन की विदाई कराई जाए. बैलगाड़ी को खूब सजाया गया. विदाई की बेला में दुल्हन को बैलगाड़ी में बैठाने के बाद दूल्हा खुद ही बैलगाड़ी को हांकते घर तक ले गया. बैलगाड़ी से दुल्हन की विदाई का नजारा देख आम लोग दंग रह गए. बैलगाड़ी से दुल्हन की विदाई का नजारा अलग ही था.

REPORTED BY- STYAM SHRMA

PUBLISHED BY- PRIYNKA YADAV