बलरामपुर में धर्म परिवर्तन और जमीन कब्जे का संगीन मामला, महिला ने छांगुर व सहयोगियों पर लगाया पति की हत्या का आरोप

महिला ने आरोप लगाया कि उसके परिवार पर लंबे समय से धर्म परिवर्तन का दबाव डाला जा रहा था। धर्म परिवर्तन से इनकार करने के बाद दबंगों ने पहले उसके पति को अगवा कर लिया और फिर उसकी हत्या कर दी।

बलरामपुर में धर्म परिवर्तन और जमीन कब्जे का संगीन मामला, महिला ने छांगुर व सहयोगियों पर लगाया पति की हत्या का आरोप
REPORTED BY - GULAM NABI, PUBLISHED BY - MANOJ KUMAR

बलरामपुर/जनमत न्यूज। जनपद बलरामपुर में धर्म परिवर्तन और जमीन कब्जे से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया है। तुलसीपुर तहसील क्षेत्र की रहने वाली एक महिला ने अपने पति के लापता होने और हत्या का आरोप छांगुर नामक व्यक्ति व उसके सहयोगियों पर लगाया है। पीड़िता का कहना है कि वर्ष 2013 से उसका पति रहस्यमय परिस्थितियों में गायब है और अब तक उसका कोई पता नहीं चल सका है।

महिला ने आरोप लगाया कि उसके परिवार पर लंबे समय से धर्म परिवर्तन का दबाव डाला जा रहा था। धर्म परिवर्तन से इनकार करने के बाद दबंगों ने पहले उसके पति को अगवा कर लिया और फिर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद आरोपियों ने उसकी भूमि व मकान पर कब्जा कर लिया। पीड़िता के अनुसार, वह छोटे-छोटे बच्चों के साथ विगत 13 वर्षों से विधवा जैसी जिंदगी जी रही है।

प्रार्थिनी शीला, पत्नी स्वर्गीय राजेन्द्र कुमार उर्फ विन्नू, निवासी ग्राम लक्ष्मणपुर रमवापुर, तुलसीपुर ने अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाते हुए बताया कि हारून पुत्र मोहम्मद रफीक, अब्दुल्ला, बहदुल्ला और कुसनूर पुत्र मोहम्मद हारून सहित 8-10 दबंगों ने उसके कीमती खेतों और 12–13 कमरों वाले पुश्तैनी मकान पर अवैध कब्जा कर लिया है। महिला ने यह भी कहा कि आरोपी लकड़ी की तस्करी में लिप्त हैं और नथुनिया मोड़ पर दुकान संचालित कर रहे हैं, जो उसकी जमीन के सामने है।

पीड़िता ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दबंग आए दिन उसे प्रताड़ित करते हैं और धर्म परिवर्तन का दबाव डालते हैं। 13 नवंबर 2024 को हारून और उसके साथियों ने सार्वजनिक स्थल पर उसके साथ मारपीट की, जातिसूचक शब्द कहे और निर्वस्त्र करने की कोशिश भी की। इस घटना की सूचना पुलिस को दी गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

महिला ने यह भी खुलासा किया कि पूर्व में हारून व उसके साथियों ने उसके साथ बलात्कार किया था, जिसकी एफआईआर थाना तुलसीपुर में दर्ज कराई गई थी। इसके बावजूद आज तक कार्रवाई न होना दबंगों के हौसले को बढ़ाता जा रहा है। पीड़िता का कहना है कि लगातार शिकायतों के बावजूद पुलिस और प्रशासन की चुप्पी से वह और उसके बच्चे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

प्रार्थिनी ने मुख्यमंत्री, पुलिस महानिरीक्षक और जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि उसकी जमीन और मकान को अवैध कब्जे से मुक्त कराया जाए तथा आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।

इस घटना ने एक बार फिर से जनपद में धर्म परिवर्तन, जमीन कब्जा और दबंगई से जुड़े मामलों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़िता का कहना है कि अगर समय रहते उसे न्याय नहीं मिला तो वह अपने बच्चों के भविष्य को लेकर आत्महत्या करने पर मजबूर हो सकती है।