सीएम योगी का निर्देश: श्रम कानून हो संतुलित, श्रमिकों को मिले बीमा और सम्मानजनक वेतन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को श्रम एवं सेवायोजन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि प्रदेश की औद्योगिक तरक्की तभी मुमकिन है जब श्रम कानूनों को उद्योग और श्रमिक—दोनों के हित में संतुलित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि श्रम कानूनों को इस तरह सरल बनाया जाए कि उद्योगों को सहूलियत हो, लेकिन श्रमि...

सीएम योगी का निर्देश: श्रम कानून हो संतुलित, श्रमिकों को मिले बीमा और सम्मानजनक वेतन
Published By: Satish Kashyap

लखनऊ/जनमत: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को श्रम एवं सेवायोजन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि प्रदेश की औद्योगिक तरक्की तभी मुमकिन है जब श्रम कानूनों को उद्योग और श्रमिक—दोनों के हित में संतुलित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि श्रम कानूनों को इस तरह सरल बनाया जाए कि उद्योगों को सहूलियत हो, लेकिन श्रमिकों के अधिकारों और सम्मान की पूरी सुरक्षा भी सुनिश्चित रहे।

मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि श्रमिक और उद्योगपति एक-दूसरे के विरोधी नहीं बल्कि एक-दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने अफसरों से कहा कि श्रमिकों को उनकी मेहनत का सम्मानजनक पारिश्रमिक और बीमा कवर देना जरूरी है, जिससे किसी हादसे की स्थिति में उनके परिवार को भी सुरक्षित भविष्य मिल सके।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में अधिकतम रोजगार सृजन के लिए उद्योगों का विकास बेहद आवश्यक है। रोजगार तभी मिलेगा जब उद्योग फले-फूले, बंद होते उद्योगों से किसी को फायदा नहीं होगा।

बैठक में अफसरों ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि 2016 से पहले तक राज्य में 13,809 फैक्ट्रियां पंजीकृत थीं, जबकि बीते 9 वर्षों में यह संख्या 13,644 और बढ़ी है, जो लगभग 99% की वृद्धि है। साथ ही श्रम विभाग को भारत सरकार के बीआरएपी सुझावों को लागू करने में ‘अचीवर स्टेट’ का दर्जा मिला है। मुख्यमंत्री ने इन उपलब्धियों की सराहना की और इसे असाधारण बताया।

सीएम योगी ने बाल श्रमिकों के पुनर्वास को प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने कहा कि इन्हें मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना और अन्य योजनाओं से जोड़ते हुए उन्हें सुरक्षित जीवन और शिक्षा देने की दिशा में तेजी से काम हो।

मुख्यमंत्री ने श्रमिक अड्डों को सुविधायुक्त मॉडल केंद्र के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। इन केंद्रों में डोरमेट्री, शौचालय, पीने का पानी, कैंटीन और प्रशिक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही कैंटीन में श्रमिकों को सस्ती दरों (₹5-10) में खाना-नाश्ता मिले, यह सुनिश्चित किया जाए।

असंगठित क्षेत्र के कामगारों की स्किल मैपिंग कर न्यूनतम वेतन सुनिश्चित करने का निर्देश भी उन्होंने दिया। उन्होंने कहा कि यह पहल असंगठित श्रमिकों को संगठित श्रम बल में बदलने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।

विदेश में नौकरी के इच्छुक निर्माण श्रमिकों को तकनीकी के साथ भाषा प्रशिक्षण भी अनिवार्य रूप से देने की बात मुख्यमंत्री ने कही ताकि वे अधिक कुशल और सुरक्षित रह सकें।

उन्होंने आयुष्मान भारत की तर्ज पर निजी अस्पतालों को सीएसआईसी और ईएसआईएस से जोड़ने की बात कही, जिससे दोनों क्षेत्रों के श्रमिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।

मुख्यमंत्री ने अटल आवासीय विद्यालयों की निरंतर निगरानी और गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि निवेश मित्र पोर्टल पर दर्ज कुल 5,97,625 आवेदनों में से 5,90,881 को एनओसी दी जा चुकी है और शेष आवेदनों का समाधान तय समय में और पारदर्शी तरीके से हो, यह सुनिश्चित किया जाए।