काकोरी ट्रेन एक्शन की 101वीं वर्षगांठ पर रायबरेली में शताब्दी महोत्सव, देशभक्ति के रंग में रंगा जनमानस

रायबरेली में काकोरी ट्रेन एक्शन की 101वीं वर्षगांठ पर शुक्रवार को भव्य शताब्दी महोत्सव का आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर जिलाधिकारी हर्षिता माथुर और पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह ने शहीद स्मारक पहुंचकर महान क्रांतिकारियों को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

काकोरी ट्रेन एक्शन की 101वीं वर्षगांठ पर रायबरेली में शताब्दी महोत्सव, देशभक्ति के रंग में रंगा जनमानस
REPORTED BY - MAHATAB KHAN, PUBLISHED BY - MANOJ KUMAR

रायबरेली/जनमत न्यूज। स्वतंत्रता संग्राम के गौरवशाली इतिहास को सजीव करते हुए रायबरेली में काकोरी ट्रेन एक्शन की 101वीं वर्षगांठ पर शुक्रवार को भव्य शताब्दी महोत्सव का आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर जिलाधिकारी हर्षिता माथुर और पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह ने शहीद स्मारक पहुंचकर महान क्रांतिकारियों को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

इस दो दिवसीय आयोजन के अंतर्गत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनका उद्देश्य विशेष रूप से युवाओं को स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणादायी घटनाओं और शहीदों के बलिदान से परिचित कराना था। महोत्सव के तहत सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, देशभक्ति गीत, नृत्य, नाट्य मंचन, विचार गोष्ठियाँ और प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिनमें जनमानस की सहभागिता उल्लेखनीय रही।

प्रदर्शनी में काकोरी कांड और स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ी दुर्लभ तस्वीरें, ऐतिहासिक दस्तावेज़, और क्रांतिकारियों के संस्मरण प्रदर्शित किए गए, जिन्हें देखकर दर्शकों की आँखें नम हो गईं। कई लोगों ने इन चित्रों और दस्तावेजों के माध्यम से पहली बार क्रांतिकारियों की जीवनगाथा को इतने करीब से महसूस किया।

जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा कि, "9 अगस्त 1925 को काकोरी में क्रांतिकारियों द्वारा अंजाम दिया गया यह साहसिक कांड ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक निर्णायक विद्रोह था, जिसने समस्त देशवासियों में चेतना और आत्मबल का संचार किया। राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकुल्ला खां, राजेंद्रनाथ लाहिड़ी और चंद्रशेखर आजाद जैसे वीर सपूतों की अद्वितीय देशभक्ति और बलिदान आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा।"

पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह ने युवाओं से आह्वान किया कि वे इन वीर शहीदों के आदर्शों और मूल्यों को अपने जीवन में आत्मसात करें और राष्ट्र निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं।

महोत्सव में बड़ी संख्या में स्कूली छात्र-छात्राएं, युवा वर्ग, स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन, एवं सामान्य नागरिक उपस्थित रहे। देशभक्ति गीतों और नारों से वातावरण गूंजता रहा, जिससे संपूर्ण परिसर देशप्रेम की भावना से ओतप्रोत हो गया। इस आयोजन ने न केवल इतिहास के स्वर्णिम अध्याय को पुनर्जीवित किया, बल्कि नई पीढ़ी को अपने गौरवशाली अतीत से जोड़ने का सशक्त माध्यम भी सिद्ध हुआ।